अमेरिकी दबाव में एस-400 की खरीद से पीछे नहीं हटेगा भारत
भारत रूस के साथ अपने सैन्य-तकनीक सहयोग के रुख पर कायम है। यह बात रूस में भारत के राजदूत पंकज सरन ने कही है।
मॉस्को, प्रेट्र : अमेरिकी दबाव के बावजूद भारत रूस से एस-400 एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम खरीदने के फैसले से पीछे नहीं हटेगा। भारत रूस के साथ अपने सैन्य-तकनीक सहयोग के रुख पर कायम है। यह बात रूस में भारत के राजदूत पंकज सरन ने कही है।
भारत स्पष्ट कर चुका है कि 40,000 करोड़ रुपये में एस-400 ट्रिंफ एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम खरीद के लिए बातचीत पूरी हो चुकी है। यह सिस्टम वायुसेना की देखरेख में कार्य करेगा। रूसी सरकार की समाचार एजेंसी तास के साथ बातचीत में भारतीय राजदूत ने कहा, भारत एस-400 सिस्टम खरीदने के फैसले से पीछे नहीं हटेगा। पंकज सरन को हाल ही में उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के पद पर भी नियुक्त किया गया है।
उन्होंने बताया कि सैन्य-तकनीक सहयोग पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की मई में सोची में हुई मुलाकात में महत्वपूर्ण चर्चा हुई है। दोनों देशों के रिश्तों के इतिहास में शीर्ष स्तर पर यह पहली अनौपचारिक मुलाकात थी। राजदूत ने कहा कि दोनों नेताओं की भविष्य की मुलाकात का कार्यक्रम अभी तय नहीं है लेकिन उम्मीद है कि अक्टूबर में यह नई दिल्ली में हो सकती है।
पंकज सरन ने कहा कि भारत अपने हित वाले सभी सौदों पर कायम है। रूस के साथ ये सौदे आपसी विश्वास और लाभ वाले हैं। एस-400 सौदे पर उन्होंने कुछ महीनों में औपचारिक रूप से दस्तखत होने की संभावना जताई। उल्लेखनीय है कि अमेरिका द्वारा रूस पर लगाए गए प्रतिबंधों के चलते उससे सैन्य सामग्री खरीदना मुश्किल हो गया है। इसलिए दोनों देश अब उस प्रतिबंध प्रावधानों से बचते हुए अपना कारोबार जारी रखने की रणनीति बना रहे हैं।
परमाणु ऊर्जा विस्तार के लिए भी समझौता संभव
भारतीय राजदूत ने कहा, परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में भारत और रूस मिलकर तीसरे देश में कार्य कर सकते हैं। इस सिलसिले में दोनों देश के बीच बातचीत अभी शुरू हुई है। भारत ने बांग्लादेश के साथ परमाणु ऊर्जा के नागरिक इस्तेमाल का समझौता किया है। इसके तहत भारत रूपपुर में परमाणु बिजलीघर स्थापित करने में सहयोग दे रहा है। वहां लगने वाले रिएक्टर तमिलनाडु के कुडनकुलम में लगे रिएक्टरों जैसे ही होंगे।