Kuril Islands: मेदवेदेव के इस कदम से जापान और रूस के बीच फिर बढ़ सकता है तनाव
Kuril Islands द्वितीय विश्वयुद्ध के अंत में तत्कालीन सोवियत संघ की सेना ने इन द्वीपों पर कब्जा कर लिया था। जापान भी इन पर अपनी संप्रभुता का दावा करता है।
टोक्यो, रायटर । रूस के प्रधानमंत्री दमित्री मेदवेदेव शुक्रवार को विवादित कुरील द्वीपसमूह के एक द्वीप पर पहुंचे। उनकी इस यात्रा से जापान और रूस के बीच फिर तनाव बढ़ने की आशंका है। जापान के विदेश मंत्रालय ने मेदवेदेव की इस यात्रा को खेदजनक बताया है। प्रशांत महासागर और रूस के ओखोस्क सागर को अलग करने वाले कुरील द्वीपसमूह के चारों द्वीप रूस और जापान के बीच विवाद का कारण बने हुए हैं।
द्वितीय विश्वयुद्ध के अंत में तत्कालीन सोवियत संघ की सेना ने इन द्वीपों पर कब्जा कर लिया था। जापान भी इन पर अपनी संप्रभुता का दावा करता है। इसी के चलते दोनों देशों में अब तक कोई शांति समझौता नहीं हो पाया है। मेदवेदेव की यात्रा पर एतराज जताते हुए जापान के विदेश मंत्रालय ने कहा, 'उनकी यात्रा जापान की संप्रभुता और हमारी भावनाओं को ठेस पहुंचाती हैं।
हम चाहते हैं कि दोनों देशों के संबंध बढ़ाने और शांति समझौते के लिए रूसी पक्ष ठोस कदम उठाए।' वर्ष 2015 के बाद मेदवेदेव पहली बार इस द्वीप पर पहुंचे हैं। उनका यह कदम शांति समझौते को लेकर चल रही बातचीत और द्वीप पर हो रहे साझा आर्थिक कार्यक्रमों में बाधा बन सकता है।
दूसरी ओर मेदवेदेव ने जापान के विरोध पर सवाल खड़े करते हुए कहा, 'यह द्वीप हमारी जमीन है तो इस यात्रा पर हमें क्यों चिंता होनी चाहिए।' पिछले साल सिंतबर में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने बिना किसी शर्त के 2018 के अंत तक शांति समझौते की बात की थी। लेकिन जापान के प्रधानमंत्री शिंजो एबी ने उनका यह प्रस्ताव खारिज कर दिया था।
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