Move to Jagran APP

बच्चों के लिए स्पुतनिक एम का पंजीकरण चाह रहा रूसी फंड RDIF, किया आवेदन

RDIF ने एक बयान में कहा कि भारत के अधिकारियों के सकारात्मक निर्णय के अधीन स्पुतनिक एम देश में किशोरों के लिए पहला पंजीकृत टीका बन सकता है। यह युवा आबादी की सुरक्षा में महत्वपूर्ण योगदान दे सकता है।

By Monika MinalEdited By: Published: Tue, 07 Dec 2021 03:10 AM (IST)Updated: Tue, 07 Dec 2021 03:44 AM (IST)
बच्चों के लिए स्पुतनिक एम का पंजीकरण चाह रहा रूसी फंड

नई दिल्ली, प्रेट्र। रूसी प्रत्यक्ष निवेश कोष (Russian Direct Investment Fund, RDIF) ) ने सोमवार को कहा कि उसने 12-17 साल की उम्र के किशोरों के लिए स्पुतनिक एम कोरोना वैक्सीन के पंजीकरण के लिए भारतीय नियामक के पास मंजूरी के लिए आवेदन किया है। सावरेन वेल्थ फंड ने कहा कि रूस के स्वास्थ्य मंत्रालय ने 24 नवंबर 2021 को स्पुतनिक एम को पंजीकृत किया है। यह स्पुतनिक कोरोना वैक्सीन परिवार का एक नया सदस्य है। इसे स्पुतनिक वी और स्पुतनिक लाइट में शामिल होने वाले अंतरराष्ट्रीय बाजारों में पेश किया गया है।

loksabha election banner

आरडीआइएफ ने एक बयान में कहा कि भारत के अधिकारियों के सकारात्मक निर्णय के अधीन, स्पुतनिक एम देश में किशोरों के लिए पहला पंजीकृत टीका बन सकता है। यह युवा आबादी की सुरक्षा में महत्वपूर्ण योगदान दे सकता है। आरडीआइएफ के सीईओ किरिल दिमित्रीव ने कहा कि भारत में भागीदारों के साथ कई समझौतों ने आरडीआइएफ को हमारी उत्पादन क्षमताओं को बढ़ाने में मदद की है। हम हर्ड इम्यूनिटी के लिए किशोरों के लिए स्पुतनिक लाइट वैक्सीन और स्पुतनिक एम वैक्सीन की पेशकश करने के लिए तैयार हैं।

रूस ने पहले ही दावा किया था कि उसकी कोविड रोधी वैक्‍सीन स्‍पुतनिक लाइट (Sputnik Light) इंजेक्‍शन लगने के पहले तीन महीने में कोरोना के डेल्टा वैरिएंट के खिलाफ 70 फीसद प्रभावी है। रूस के संप्रभु धन कोश (Russia's sovereign wealth fund) ने बुधवार को कहा कि सिंगल डोज वाली इस वैक्‍सीन के रूस का मुख्य टीका बनने की संभावना है। रशियन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट फंड ने कहा कि गैमेलिया सेंटर ने कोरोना के डेल्टा वैरिएंट के खिलाफ स्पूतनिक लाइट टीके के प्रभाव को लेकर एक लेख मेडआरएक्सआईवी प्रीप्रिंट सर्वर फार हेल्थ साइंसेज को दिया है।

आधिकारिक बयान में कहा गया है कि कोविड रोधी वैक्‍सीन स्‍पुतनिक लाइट (Sputnik Light) को लेकर किया गया विश्लेषण 28 हजार प्रतिभागियों से प्राप्त आंकड़ों पर आधारित था। इस सभी को स्पूतनिक लाइट वैक्‍सीन की एक खुराक दी गई थी। अध्‍ययन में इनकी तुलना वैक्‍सीन नहीं लगवाने वाले 56 लाख लोगों के समूह से की गई।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.