रूस ने अपने सैन्य खर्च में की 20 फीसद की कटौती, जानिए क्या है वजह
एक रिपोर्ट के अनुसार रूस ने अपने सैन्य खर्च को 20 प्रतिशत कम कर लिया है।
मास्को, (एजेंसी)। पश्चिमी प्रतिबंधों और मंदी ने रूस की सेना को 20 फीसद तक खर्च करने के लिए मजबूर कर दिया है। एक रिपोर्ट के अनुसार लगभग दो दशकों में सैन्य खर्च में यह इसकी पहली सबसे बड़ी गिरावट है। 2014 में यूक्रेन के क्राइमेन प्रायद्वीप के कब्जे के साथ दुनिया भर में अपनी सैन्य मांसपेशियों के फ्लेक्सिंग, पूर्वी यूक्रेन में अलगाववादियों का समर्थन और 2015 से सीरियाई गृह युद्ध में इसकी भागीदारी के बावजूद स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट ने 1 मई को जारी एक रिपोर्ट में कहा कि मॉस्को सैन्य खर्च में कटौती करने के लिए मजबूर है जो भविष्य में संचालन पर सवाल उठाता है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि रूस में सैन्य खर्च में कटौती उस समय में हुई है, जब दुनिया में शीत युद्ध जैसा माहौल बना हुआ है, जिसके चलते संयुक्त राज्य अमेरिका, चीन और सऊदी अरब ने अपनी सेना पर होने वाले खर्च को बढ़ाया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि वैश्विक सैन्य खर्च 1 प्रतिशत बढ़कर 1.74 ट्रिलियन डॉलर हो गया है, जबकि रूस का खर्च 20 फीसद गिरकर 66.3 अरब डॉलर हो गया।
रूस दुनिया के सबसे बड़े सैन्य व्यय करने वालों की रैंकिंग में गिरकर चौथे स्थान पर पहुंच गया है। सऊदी अरब अपनी सेना पर सबसे ज्यादा खर्च करता है। इस रैकिंग में अरब पहले पायदान पर है। रूस में सबसे पहले 1998 में सैन्य खर्च में कटौती की गई थी। उस समय रूस की अर्थव्यवस्था गिर गई थी और उस पर कर्ज बढ़ गया था। इस वर्ष व्लादिमीर पुतिन ने प्रधानमंत्री के रूप में सत्ता संभाली और नए साल की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति बने।
रिपोर्ट में कहा गया है कि सैन्य खर्च में हालिया कटौती भी आर्थिक संकटों के कारण की गई है। जिनमें वर्ष 2014 में तेल की कीमतों में गिरावट, दो साल मंदी, और इसी साल यूक्रेन में रूस के आक्रामकता पर लगाए गए पश्चिमी प्रतिबंध शामिल हैं।