रूस से अत्याधुनिक एंटी मिसाइल सिस्टम खरीदेगा नाटो का सदस्य देश तुर्की
रूस और तुर्की ने लगाई एस-400 सौदे पर मुहर, दोनों देशों के बीच करीब 16 हजार करोड़ रुपये में हुआ सौदा
अंकारा, रायटर । तुर्की और रूस ने अत्याधुनिक एंटी मिसाइल सिस्टम एस-400 के सौदे को अंतिम रूप दे दिया है। इस प्रकार से एक साल से दोनों देशों के बीच चल रही इस प्रणाली की खरीद की वार्ता पूरी हो गई है। एस-400 को अमेरिका की थाड एंटी मिसाइल सिस्टम की टक्कर का हथियार माना जाता है। खास बात यह है कि तुर्की अमेरिका की अगुआई वाले नाटो का सदस्य होने के बावजूद यह अत्याधुनिक सिस्टम खरीदेगा और रूस भी उस पर भरोसा करके इसे बेचेगा।
दोनों देशों के बीच चार सिस्टम की बिक्री के लिए कुल 2.5 अरब डॉलर (करीब 16 हजार करोड़ रुपये) का सौदा हुआ है। यूरोप समेत उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) के देश पहले ही इस सौदे पर अपनी आशंका जाहिर कर चुके हैं। नाटो ने साफ कहा है कि वह अपने हथियारों की तैनाती में एस-400 को स्थान नहीं देगा। तुर्की ने भी कह दिया है कि वह नाटो के हथियारों की तैनाती से अलग अपने देश में इस अत्याधुनिक मिसाइल सिस्टम को तैनात करेगा। रूसी कोंग्लोमीरेट रोस्टेक के प्रमुख सर्गेई चेमेजोव के मुताबिक मार्च 2020 में एस-400 की पहली बैटरी तुर्की को मिल जाएगी। उसके बाद कुछ-कुछ महीनों के अंतर पर बाकी तीन बैटरी तुर्की को मिलेंगी। सौदे के मुताबिक 45 प्रतिशत रकम तुर्की नकद रूप में रूस को देगा जबकि बाकी की 55 प्रतिशत रकम उसे रूस से कर्ज के रूप में मिलेगी। इस कर्ज का भुगतान कुछ वर्षों में करना होगा। सीरिया युद्ध के दौरान रूस का लड़ाकू विमान मार गिराने के बाद तुर्की और रूस के संबंध बेहद खराब हो गए थे। इसके बाद तुर्की के राष्ट्रपति तैयप एर्दोगन ने मॉस्को जाकर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की और घटना के लिए खेद जताया। इसके बाद दोनों देशों के संबंध फिर पटरी पर आए।