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रूस और सीरिया ने विद्रोहियों को दमिश्क के पूर्वोत्तर क्षेत्र को छोड़ने का दिया अल्टीमेटम

रूस और सीरिया ने दमिश्क के पूर्वोत्तर के विद्रोहियों को अल्टीमेटम देते हुए कहा कि या राज्य शासन को माने या फिर इलाके को छोड़ दें।

By Nancy BajpaiEdited By: Published: Tue, 03 Apr 2018 02:20 PM (IST)Updated: Tue, 03 Apr 2018 02:39 PM (IST)
रूस और सीरिया ने विद्रोहियों को दमिश्क के पूर्वोत्तर क्षेत्र को छोड़ने का दिया अल्टीमेटम
रूस और सीरिया ने विद्रोहियों को दमिश्क के पूर्वोत्तर क्षेत्र को छोड़ने का दिया अल्टीमेटम

बेयरूत/अम्मान (रॉयटर्स)। रूस और सीरिया ने दमिश्क के पूर्वोत्तर के विद्रोहियों को अल्टीमेटम दिया है। रूस और सीरिया के सैन्य अधिकारियों ने दमिश्क के पूर्वोत्तर के बागवती क्षेत्र के विद्रोहियों से कहा है कि उन्हें राज्य शासन को मानना पड़ेगा या फिर उस जगह को छोड़ना पड़ेगा। मंगलवार को इसकी जानकारी एक विद्रोही समूह के प्रवक्ता ने दी है।

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विद्रोही समूह के प्रवकात सैयद सैफ ने कहा कि दमिश्क के उत्तर-पूर्व में स्थित कलेमम के विद्रोहियों को रूसी कर्नल और सीरिया के वायुसेना के एक खुफिया अधिकारी ने अल्टीमेटम दिया है। यह क्षेत्र राजधानी दमिश्क से 40 किमी (25 मील) बाहरी इलाके में है और पूर्वी घोउटा से अलग पड़ता है। यह इलाका राजधानी से निकट पड़ता है, जहां सीरियाइ सेना ने रूस की मदद से पूर्वी घोउटा के विद्रोही ठिकानों पर कड़ी कार्रवाई की है। इस इलाके से विद्रोहियों को अपनी जान बचाकर भागना पड़ा है।

सैफ ने कहा, 'इस क्षेत्र में फ्री सीरियाई आर्मी (एफएसए) समूहों को एक स्पष्ट संदेश भेजा गया है। या तो सुलह कर लें या फिर सीरियाइ सरकार को अपने हथियार सौंप दें, नहीं तो पूर्वी कलेमम इलाके को खाली कर दें।' सीरिया की सरकार पूर्वी घोउटा में विद्रोहियों पर बड़ी कार्रवाई करने के बाद अब राजधानी दमिश्क के निकट कुछ विद्रोहियों का अब भी कब्जा है। जिनके खात्मे के लिए सीरिया ने रूस की मदद से बड़ा कदम उठाने का फैसला किया है। पूर्वी कलेमम के कुछ कस्बों और रेगिस्तान क्षेत्र में विद्रोहियों का अब भी कब्जा है। सैफ ने कहा कि एक प्रस्ताव बनाया गया है जिसके तहत विद्रोही कस्बों को छोड़कर पहाड़ों पर पहुंच गए हैं, जिससे नागरिक वहां रह सके। फिलहाल अब रूस की प्रतिक्रिया का इंतजार किया जा रहा है। उसने कहा कि सीरिया सरकार का उदेश्य लोगों को मजबूरन विस्थापन से बचाने का था।

गौरतलब है कि सीरिया और रूस की सेना से लंबे संघर्ष के बाद विद्रोही अपने आखिरी बचे गढ़ पूर्वी घोउटा को छोड़ने को मजबूर हो गए हैं। विद्रोहियों से करार के रूस के ऐलान के बाद सोमवार को विद्रोही लड़ाके बसों में सवार होकर अपने परिवार के साथ पूर्वी घोउटा को छोड़कर सीरिया के उत्तरी शहर जाराबुलुस की ओर जाते देखे गए। पूर्वी घोउटा पर सीरिया की सरकार का दोबारा नियंत्रण होना राष्ट्रपति बशर अल असद के लिए बड़ी जीत मानी जा रही है। सात साल से यह क्षेत्र विद्रोही संगठन के कब्जे में था। पूर्वी घोउटा क्षेत्र के 95 फीसद क्षेत्र पर सीरिया की सरकार ने दोबारा नियंत्रण हासिल कर लिया है। सरकार और विद्रोहियों के इस संघर्ष में 1600 नागरिकों की मौत हो गई। दस हजार से ज्यादा लोग बेघर हो गए।


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