Move to Jagran APP

नागोर्नो-काराबाख में सीरिया व लीबिया के लड़ाकों से रूस, ईरान चिंतित

रूस के विदेश मंत्री और उनके ईरानी समकक्ष ने नागोर्नो-काराबाख विवाद में सीरियाई और लीबियाई लड़ाकों के शामिल होने पर चिंता जताई है। फ्रांस के राष्ट्रपति ईमैनुएल मैक्रों ने तुर्की पर सीरियाई जिहादियों को क्षेत्र में भेजने का आरोप लगाया है।

By Manish PandeyEdited By: Published: Sat, 03 Oct 2020 07:43 AM (IST)Updated: Sat, 03 Oct 2020 07:43 AM (IST)
नागोर्नो-काराबाख में सीरिया व लीबिया के लड़ाकों से रूस, ईरान चिंतित
नागोर्नो-काराबाख क्षेत्र को लेकर लंबे समय से विवाद है।

मास्को, रायटर। रूस के विदेश मंत्री सेर्गेई लावरोव और उनके ईरानी समकक्ष मुहम्मद जवाद जारिफ ने शुक्रवार को फोन पर बातचीत की। दोनों नेताओं ने नागोर्नो-काराबाख विवाद में सीरियाई और लीबियाई लड़ाकों के शामिल होने पर चिंता जताई है। दो सीरियाई विद्रोही सूत्रों ने बताया कि अजरबैजान को समर्थन देने के लिए तुर्की, सीरिया के विद्रोही लड़कों को भेज रहा है। इस दावे का अंकारा और बाकू दोनों ने खंडन किया है। फ्रांस के राष्ट्रपति ईमैनुएल मैक्रों ने तुर्की पर सीरियाई जिहादियों को क्षेत्र में भेजने का आरोप लगाया है।

loksabha election banner

आर्मीनिया-अजरबैजान की जंग से नाटो के दो सहयोगी देशों फ्रांस और तुर्की में विवाद गहरा गया है। फ्रांस में आर्मीनियाई मूल के बड़ी संख्‍या में लोग रहते हैं। तुर्की इस युद्ध में खुलकर अजरबैजान का न केवल हर तरह से समर्थन कर रहा है, बल्कि धमकी भी दे रहा है। बुधवार को तुर्की के विदेश मंत्री मेवलुट कावुसोग्‍लू ने आरोप लगाया कि फ्रांस आर्मीनिया के अजरबैजान में कब्‍जे को अपना समर्थन दे रहा है। इस आलोचना पर फ्रांस के राष्‍ट्रपति ने तुर्की को करारा जवाब दिया। उन्‍होंने कहा कि तुर्की युद्ध जैसी धमकी दे रहा है। मैक्रान ने कहा कि फ्रांस इसे स्‍वीकार नहीं करेगा।

पूर्व सोवियत संघ के दोनों देशों के बीच नागोर्नो-काराबाख क्षेत्र को लेकर लंबे समय से विवाद है। अजरबैजान इस क्षेत्र को अपना मानता है और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी इसे इसी देश का हिस्सा माना जाता है। हालांकि 1994 की लड़ाई के बाद यह क्षेत्र अजरबैजान के नियंत्रण में नहीं है। इस क्षेत्र में दोनों पक्षों के सैनिकों की भारी मौजूदगी है। करीब 4,400 किलोमीटर में फैले नागोर्नो-काराबाख का ज्यादातर हिस्सा पहाड़ी है। गत जुलाई में भी दोनों पक्षों में झड़प हुई थी, जिसमें 16 लोगों की जान गई थी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.