ईरान परमाणु करार को बचाने के लिए आगे आए रूस और जर्मनी
वर्ष 2015 में दुनिया के छह शक्तिशाली देशों अमेरिका, रूस, फ्रांस, चीन, ब्रिटेन और जर्मनी ने ईरान के साथ परमाणु करार किया था।
मॉस्को, एएफपी। ईरान के साथ परमाणु करार को बचाने के लिए रूस और जर्मनी आगे आए हैं। अमेरिका के करार तोड़ने के बाद रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल ने शुक्रवार को टेलीफोन पर बात की और परमाणु करार को बचाने के लिए अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया।
वर्ष 2015 में दुनिया के छह शक्तिशाली देशों अमेरिका, रूस, फ्रांस, चीन, ब्रिटेन और जर्मनी ने ईरान के साथ परमाणु करार किया था। इस समझौते के वक्त बराक ओबामा अमेरिका के राष्ट्रपति थे। बीते मंगलवार को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इसे दोषपूर्ण बताते हुए अमेरिका के इससे हटने का एलान कर दिया। पुतिन और मर्केल की बातचीत के बाद रूस के राष्ट्रपति भवन क्रेमलिन ने एक बयान में कहा, परमाणु करार से अमेरिका के हटने के एकतरफा फैसले पर चर्चा हुई। इसके बाद उत्पन्न हुए हालात में इस करार को अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय स्थिरता के लिहाज से बचाए रखना महत्वपूर्ण हो गया है। दोनों नेताओं में सीरिया के हालात और अगले सप्ताह मर्केल की प्रस्तावित रूस यात्रा पर भी चर्चा हुई। मर्केल ने कहा कि अमेरिका के एकतरफा फैसले से वैश्विक आदेश की विश्वसनीयता को आघात पहुंचा है। जर्मनी और सहयोगी यूरोपीय देश परमाणु करार को बरकरार रखने के लिए सब कुछ करेंगे।
सीरिया को इजरायल से अपनी रक्षा करने का अधिकार: ईरान
अंकारा, रायटर : ईरान ने शुक्रवार को कहा कि सीरिया को इजरायल की आक्रामकता से अपनी रक्षा करने का अधिकार है। उसने अपने इस सहयोगी देश में इजरायल के हमले को लेकर अन्य देशों पर चुप रहने का आरोप भी लगाया। इजरायल ने गुरुवार को कहा था कि ईरान ने उसके कब्जे वाले गोलान हाइट्स इलाके में रॉकेट दागे था। इसके जवाब में उसने सीरिया में ईरान के ठिकानों पर हमला किया।