भारत-रूस में रक्षा सहयोग पर आगे बढ़ी बात, Victory Day पर देश की तीनों सेनाएं आज करेंगी शक्ति प्रदर्शन
Victory Day Russia इस बार रूस के विक्टरी डे की खास बात यह है कि रक्षा मंत्री की मौजूदगी में भारत की तीनों सेनाएं भी परेड में अपनी शक्ति का प्रदर्शन करेंगी।
मॉस्को, प्रेट्र। लद्दाख में चीन के साथ सीमा विवाद के बीच भारत और रूस के बीच रक्षा सहयोग पर बातचीत आगे बढ़ी है। इस पर कोई ब्योरा फिलहाल न देते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह मंगलवार को रूस के उपप्रधानमंत्री यूरी बोरिसोव से मिले। रूस के निमंत्रण पर तीन दिवसीय दौरे पर मॉस्को गए राजनाथ ने कहा, 'रक्षा सहयोग की समीक्षा के साथ ही इस पर विस्तार से चर्चा हुई है।' उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के न्योते पर रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन इसी साल भारत आने को तैयार हैं।
लद्दाख की गलवान घाटी में भारतीय और चीनी सैनिकों के साथ हुई हिंसक झड़प के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह रूस के दौरे पर हैं और माना जा रहा है कि इतने अहम समय पर हुए इस दौरे के दौरान रक्षा मंत्री रूस से जल्द हथियारों की डिलेवरी की बात करेंगे। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट कर कहा, 'रूस के उप प्रधानमंत्री यूरी बोरिसोव के साथ एक शानदार बैठक हुई है। भारत और रूस विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त सामरिक भागीदारी करते हैं और रक्षा संबंध इसके महत्वपूर्ण स्तंभों में से एक है। हमने अपने रक्षा सहयोग की समीक्षा की और इसके विस्तार के तरीकों पर चर्चा की।'
विक्टरी डे के परेड में भारतीय सेना के जवान भी होंगे शामिल
रक्षा मंत्री राजनाथ ने मंगलवार सुबह 10 बजे (भारतीय समयानुसार दोपहर 12.30 बजे) रूसी नेतृत्व के साथ द्विपक्षीय बैठक की। इसके अलावा वह बुधवार को रूस की विक्ट्री डे परेड के 75 साल पूरा होने पर आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे। इस परेड में भारतीय सेना के जवान भी शामिल होंगे। कार्यक्रम में रूस ने चीन को भी न्योता दिया है।
जल्द रक्षा सौदों की आपूर्ति की मांग
सूत्रों की मानें तो भारत रूस से हथियारों को लेकर जो डील हुई है उनकी जल्द डिलेवरी की मांग कर सकता है, जिसमें फाइटर एयरक्राफ्ट, टैंक और सबमरीन शामिल हैं। रूस के साथ बड़े हथियारों के साथ करार में सबसे अहम है एस-400 डिफेंस सिस्टम।
एस-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम भारत को दिसंबर 2021 तक मिलना था, लेकिन कोविड-19 की वजह से उसकी डिलेवरी में देरी हो रही है। इसके अलावा, सुखोई 30एम और टी-90 टैंक की भी जल्द आपूर्ति की मांग भारत कर रहा है।
शस्त्र आपूर्ति रोकने की कोशिश
उधर, चीन के एक सरकारी अखबार ने राजनाथ सिंह के रूस दौरे से पहले 'सोसाइटी फॉर ओरिएंटल स्टडीज ऑफ रशिया' के एक फेसबुक ग्रुप पर रूसी भाषा में मैसेज पोस्ट कर लिखा', 'जैसा कि विशेषज्ञों का कहना है, अगर रूस, चीनी और भारतीयों के दिलों को नरम करना चाहता है, तो संवेदनशील माहौल में भारत को हथियार देना बेहतर नहीं होगा। दोनों एशियाई शक्तियां रूस की बहुत करीबी रणनीतिक साझेदार हैं।'
फेसबुक पोस्ट में चीनी मुखपत्र पीपुल्स डेली की ओर से लिखा गया, 'लद्दाख में हिंसक झड़प के बाद भारत मिग 29 और 12 सुखोई 30एम समेत 30 फाइटर जेट खरीदना चाहता है।' यह संदेश ऐसे समय में आया है जब भारत 'इमरजेंसी खरीद' के तहत रूस से अधिग्रहण के माध्यम से सैन्य क्षमता को मजबूत करने पर विचार कर रहा है।