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रूस में पुतिन 2036 तक बने रह सकते हैं राष्ट्रपति पद पर, संसद ने पारित किया प्रस्ताव

पुतिन ने संवैधानिक बदलाव की घोषणा जनवरी में तभी कर दी थी जब दिमित्री मेदवेदेव से प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा लिया गया था।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Wed, 11 Mar 2020 11:33 PM (IST)Updated: Thu, 12 Mar 2020 12:33 AM (IST)
रूस में पुतिन 2036 तक बने रह सकते हैं राष्ट्रपति पद पर, संसद ने पारित किया प्रस्ताव
रूस में पुतिन 2036 तक बने रह सकते हैं राष्ट्रपति पद पर, संसद ने पारित किया प्रस्ताव

मॉस्को, रायटर। रूस में राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन वर्ष 2036 तक अपने पद पर बने रह सकते हैं। इस समय वह 67 साल के हैं, इस लिहाज से वह 83 साल की उम्र तक राष्ट्रपति बने रह सकते हैं। सैन्य क्षमता में दुनिया के दूसरे शक्तिशाली देश रूस में यह संवैधानिक बदलाव कुछ वैसे ही हुआ है जैसे कि दूसरे नंबर की आर्थिक महाशक्ति चीन में शी चिनफिंग के जीवन भर राष्ट्रपति बने रहने को लेकर हुआ था। जाहिर है..रूस में पुतिन की मजबूती से अमेरिका पर दबाव बढ़ेगा।

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पुतिन को 2036 तक राष्ट्रपति पद पर बनाए रखने पर संसद ने  लगा दी मुहर

रूस में राष्ट्रपति के रूप में पुतिन का दूसरा कार्यकाल 2024 में पूरा होने वाला है। रूस की संवैधानिक व्यवस्था के अनुसार एक व्यक्ति अधिकतम दो कार्यकाल के लिए ही राष्ट्रपति बन सकता है। लेकिन बुधवार को देश की संसद के निचले सदन ड्यूमा ने एक प्रस्ताव पारित कर पुतिन को 2036 तक राष्ट्रपति पद पर बनाए रखने पर मुहर लगा दी। प्रस्ताव के समर्थन में 383 मत पड़े, विरोध में कोई वोट नहीं पड़ा। 43 सदस्यों ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया जबकि 24 सदस्य सदन की कार्यवाही से अनुपस्थित रहे।

किसी अन्य व्यक्ति के लिए दो बार राष्ट्रपति बने रहने का संवैधानिक प्रावधान बरकरार

कुछ घंटों बाद 170 सदस्यों वाले उच्च सदन फेडरल काउंसिल ने भी यह प्रस्ताव पारित कर दिया। वहां पर प्रस्ताव के समर्थन में 160 मत पड़े जबकि विरोध में एक। तीन सदस्य मतदान से दूर रहे। इस प्रस्ताव के अनुसार पुतिन के राष्ट्रपति पद के पिछले सारे कार्यकालों को शून्य घोषित कर दिया गया है, हालांकि किसी अन्य व्यक्ति के लिए अधिकतम दो बार राष्ट्रपति बने रहने का संवैधानिक प्रावधान बरकरार है। प्रस्ताव पारित होने के बाद ड्यूमा के स्पीकर याचेस्लाव वोलोदिन ने कहा, देश के विकास और मजबूती के लिए पुतिन का राष्ट्रपति बने रहना जरूरी है। इसीलिए राष्ट्र हित में ड्यूमा ने प्रस्ताव को मंजूरी दी है।

जनवरी में दिए थे संकेत, विपक्ष का विरोध

पुतिन ने संवैधानिक बदलाव की घोषणा जनवरी में तभी कर दी थी जब दिमित्री मेदवेदेव से प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा लिया गया था, लेकिन तब यह भी कहा था कि वह 2024 के बाद राष्ट्रपति पद पर नहीं रहना चाहते। लेकिन अब 2024 में उनके फिर से दो कार्यकाल (12 वर्ष) के लिए राष्ट्रपति बनने का रास्ता साफ हो गया है। हालांकि पुतिन कहते रहे हैं कि वह सोवियत कालीन नेतृत्व परंपरा के विरोधी हैं जिसमें राष्ट्रपति के पास ताजिंदगी पद रहता था।

संयुक्त विपक्ष ने देश भर में विरोध प्रदर्शन का किया एलान

पुतिन के आलोचक विपक्ष के नेता एलेक्सेई नावेल्नी ने इसे पुतिन के पर्यत राष्ट्रपति बने रहने की कोशिश करार दिया है। एक अन्य विपक्षी नेता दिमित्री गुडकोव ने कहा, रूस से अपना संविधान खो दिया है। संयुक्त विपक्ष ने शुक्रवार को देश भर में विरोध प्रदर्शन का एलान किया है।


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