24 घंटे तक हवा में रह सकता है रूस का Altius-U ड्रोन, जानें इसकी अन्य खूबियां
रूसी सेना ने 24 घंटे तक हवा में रह सकने वाला एक नया ड्रोन लांच किया है। एक बार उड़ान भरने के बाद ये रूस के किसी भी बॉर्डर तक जा सकता है।
मॉस्को (स्पुतनिक)। ड्रोन की दिशा में नित नई-नई खोजें की जा रही है अब ये एक अलग तरह का हथियार और आवश्यकता बन गया है। जहां एक ओर सेना ड्रोन का इस्तेमाल सीमा पर नियंत्रण रखने और अन्य खोजों के लिए कर रही है वहीं दूसरी ओर आतंकवादी इसका इस्तेमाल हथियार पहुंचाने और नशीले पदार्थों की तस्करी के लिए कर रहे हैं। हर देश के पास मौजूद ड्रोनों की क्षमता और विशेषताएं अलग-अलग है।
Altius-U ड्रोन
इसी दिशा में कदम बढ़ाते हुए रूसी रक्षा मंत्रालय ने 6 टन के अल्टियस-यू ड्रोन विकसित किया है। कुछ दिन पहले मंत्रालय की ओर से इस ड्रोन की पहली उड़ान का एक वीडियो पोस्ट किया गया है। इस ड्रोन की खासियत ये है कि ये 24 घंटे से अधिक समय तक हवा में रहने में सक्षम है। दूर से देखने पर ये एक लड़ाकू विमान सरीखा दिखता है जिससे आम आदमी इसे ड्रोन नहीं बल्कि एक फाइटर जेट ही समझने की भूल कर सकता है। रूस का यह ड्रोन अमेरिका के MQ-9 Reaper के बराबर ही है।
मंत्रालय की ओर से इस ड्रोन का एक वीडियो भी यू टयूब पर पोस्ट किया गया है। इस एक मिनट और 3 सेकंड के वीडियो को देखकर इस ड्रोन की खासियत और इसके आकार के बारे में जाना जा सकता है। परीक्षण के दौरान इस ड्रोन को बकायादा रनवे पर दौड़ाया गया, फिर इसने उड़ान भरी और घंटों तक हवा में उड़ता रहा। वीडियो में ड्रोन को टेकऑफ और लैंड करते हुए दिखाया गया है।
सबकुछ ठीक तरह से कर रहा काम
रक्षा मंत्रालय की ओर से बताया गया कि जो Altius-U ड्रोन लांच किया गया, ये परीक्षण इस मानव रहित हवाई वाहन (UAV) का अंतिम रूप है। इसको लांच करने से पहले कई प्रोटोटाइप मॉडल बनाए गए थे। इनके विकास और परीक्षण के परिणामस्वरूप इसे बनाया गया है। इसका परीक्षण पूरी तरह से स्वचालित मोड में इसको 800 मीटर की ऊंचाई पर 32 मिनट तक उड़ान भरकर किया गया। इस दौरान ड्रोन में लगी सभी प्रणालियों ने ठीक से काम किया।
टोही मिशन को पूरा करने में सक्षम
मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार कॉम्प्लेक्स ऑप्टिकल, रेडियो इंजीनियरिंग और राडार का उपयोग करके टोही मिशन के पूरे स्पेक्ट्रम का प्रदर्शन करने में सक्षम है। इसकी एक खासियत ये भी है कि ये एक दिन से अधिक समय तक हवा में रह सकता है। अभी तक एक दिन से अधिक समय तक हवा में रहने वाले ड्रोन का परीक्षण नहीं किया गया है।
ये भी हैं खासितय
Altius-M की लंबाई करीब 11.6 मीटर है। वहीं इसके पंखों का आकार करीब 28.5 मीटर तक है। वहीं इसका मेक्सिमम टेकऑफ वेट (MTOW) 5000 kg से 7000 kg तक है। इसके अलावा यह अपने साथ करीब 2000 kg तक का भार ले जा सकता है। यह 150 से 250 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार पर उड़ान भरते हुए करीब दस हजार किमी की दूरी तय कर सकता है। इसके अलावा यह 12 हजार मीटर की ऊंचाई तक उड़ान भर सकता है। इसमें दो RED A03 / V12 डीजल इंजन लगे है जो टेकऑफ के दौरान इसको 500 हॉर्सपावर की ताकत देते हैं। इसके इंजनों को जर्मनी में तैयार किया गया है।
हथियार सप्लाई करने में मिली ड्रोन की भूमिका
कुछ दिन पहले पाकिस्तान से सटे पंजाब के तरनतारन इलाके में ड्रोन से सीमा पार से हथियार सप्लाई करने का मामला सामने आया है। पंजाब पुलिस ने सीमा पर ड्रोन से गिराए गए कुछ हथियारों को भी बरामद किया। उसके बाद आतंकी भी पकड़े गए। पुलिस से बचने के लिए आतंकियों ने इन ड्रोन को तहस नहस करने का प्रयास किया था मगर उसके भी कुछ सबूत पुलिस ने बरामद किए हैं। आतंकियों ने पूछताछ में ही ये बताया कि ये हथियार उनको सीमा पार से ड्रोन के जरिये पहुंचाए गए है। इसके बाद पुलिस को ड्रोन से हथियार सप्लाई किए जाने के मामले की जानकारी हुई।
सऊदी अरब की अरामको कंपनी पर हुआ हमला
बीते माह भी सऊदी अरब की सऊदी अरामको ऑयल कंपनी पर ड्रोन और मिसाइल से हमला किया गया था। इस हमले से ऑयल कंपनी को काफी नुकसान हुआ था। चूंकि इस कंपनी में अमेरिका की भी भागीदारी है इस वजह से जांच में ये सामने आया था कि प्लांट पर ड्रोन से भी हमला किया गया था। पहले ये कहा जा रहा था कि हूती विद्रोहियों ने ड्रोन भेजकर सीधे इस प्लांट से टकरा दिया जिससे प्लांट को इतना नुकसान हुआ। इसके बाद ड्रोन से हमला किए जाने की एक नई तरकीब सामने आई थी।
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