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भारत को रूस से तय समय पर मिलेगा एस-400, कोरोना संक्रमण के चलते नहीं होगी कोई देरी

एफएसएमटीसी के उप निदेशक व्लादिमीर ड्रोजझोव ने कहा कि रूस सतह से हवा में मार करने वाली इस मिसाइल प्रणाली को वर्ष 2021 के अंत में भारत को सौंप देगा।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Sun, 12 Apr 2020 08:54 PM (IST)Updated: Sun, 12 Apr 2020 08:54 PM (IST)
भारत को रूस से तय समय पर मिलेगा एस-400, कोरोना संक्रमण के चलते नहीं होगी कोई देरी
भारत को रूस से तय समय पर मिलेगा एस-400, कोरोना संक्रमण के चलते नहीं होगी कोई देरी

मॉस्को, प्रेट्र। रूस में तैनात भारत के सर्वोच्च राजनयिक का कहना है कि भारत और रूस के बीच हुए रक्षा सौदों पर कोरोना वायरस के संक्रमण का कोई असर नहीं होगा। भारत को रूप से मिलने वाले एयर डिफेंस मिसाइल प्रणाली एस-400 समेत अन्य रक्षा सौदों की आपूर्ति तय समय पर ही होगी।

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रूस से हुए रक्षा सौदों पर लॉकडाउन का कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा

रूस में भारत के राजदूत बाला वेंकटेश वर्मा ने रविवार को बताया कि कोरोना के संक्रमण से चलते विश्व भर में हुए लॉकडाउन का रूस से हुए रक्षा सौदों पर कोई विपरीत प्रभाव नहीं पड़ेगा। हालांकि कामकाज में कुछ हफ्तों का असर जरूर हुआ है, लेकिन सभी प्रमुख रक्षा सौदे तय समय के मुताबिक ही पूरे होंगे।

पांच एस-400 डिफेंस मिसाइल प्रणाली खरीदेगा भारत

अक्टूबर, 2018 में भारत ने रूस से पांच एस-400 डिफेंस मिसाइल प्रणाली की खरीद की थी। यह सौदा पांच अरब डॉलर में हुआ था। भारत ने रूस से यह सौदा अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की धमकियों को नजरअंदाज करके किया था। इस मिसाइल प्रणाली के लिए भारत ने रूस को पिछले साल 80 करोड़ डॉलर (करीब 60,94,12,00,000 रुपये) की पहली किस्त चुकाई थी।

रूस सतह से हवा में मार करने वाली इस मिसाइल प्रणाली को 2021 में भारत को सौंप देगा

फरवरी में रूस के फेडरल सर्विस फार मिलेट्री-टेक्निकल कोऑपरेशन (एफएसएमटीसी) के उप निदेशक व्लादिमीर ड्रोजझोव ने कहा कि रूस सतह से हवा में मार करने वाली इस मिसाइल प्रणाली को वर्ष 2021 के अंत में भारत को सौंप देगा।

यह रक्षा प्रणाली 400 किलोमीटर की दूरी तक युद्धक विमानों, मिसाइलों को हवा में मार गिरा सकता है

इस परियोजना को अंजाम तक पहुंचाने में कोई देरी नहीं होगी। यह रक्षा प्रणाली 400 किलोमीटर की दूरी तक घुसपैठ करने वाले युद्धक विमानों, मिसाइलों और ड्रोन को जमीन से ही हवा में मार गिरा सकता है। रूस इसकी पांचवीं खेंप वर्ष 2025 की शुरुआत में देने वाला है।


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