जरदारी का नाम ईसीएल में डालने का आदेश नहीं: पाक चीफ जस्टिस
पाकिस्तान के चीफ जस्टिस साकिब निसार ने गुरुवार को कहा कि उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति आसिफ जरदारी और उनकी बहन फरयाल तालपुर का नाम एक्जिट कंट्रोल सूची (ईसीएल) में शामिल करने का आदेश नहीं दिया ।
इस्लामाबाद (आइएएनएस)। पाकिस्तान के चीफ जस्टिस साकिब निसार ने गुरुवार को कहा कि उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति आसिफ जरदारी और उनकी बहन फरयाल तालपुर का नाम एक्जिट कंट्रोल सूची (ईसीएल) में शामिल करने का आदेश नहीं दिया है। इस सूची में शामिल लोगों के मुल्क छोड़ने पर रोक होती है। ऐसी खबरें आई थीं कि 29 फर्जी बैंक खातों के जरिये अवैध रूप से किए गए 35 अरब रुपये के लेनदेन मामले में इनके नाम ईसीएल में डालने का आदेश दिया गया है।
डॉन न्यूज के अनुसार, इससे पहले अटॉर्नी जनरल खालिद जावेद ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट ने जरदारी और फरयाल के नाम ईसीएल में डालने के लिए गृह मंत्रालय को आदेश दिया है। कार्यवाहक गृहमंत्री आजम खान ने बुधवार को इसकी पुष्टि भी की थी।
जस्टिस निसार ने गुरुवार को एक मामले की सुनवाई के दौरान कहा, 'यह स्पष्ट करने की जरूरत है कि किन संदिग्धों के नाम ईसीएल में डालने की जरूरत है। क्या फरयाल और जरदारी संदिग्ध हैं? अगर नहीं हैं, तो फिर मीडिया खबरों में इनके नाम ईसीएल में क्यों डाले गए?'
शरीफ की याचिका खारिज
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की भ्रष्टाचार के दो मुकदमे दूसरी अदालत में ट्रांसफर करने की अर्जी गुरुवार को खारिज हो गई। भ्रष्टाचार के एक अन्य मामले में राष्ट्रीय जवाबदेही अदालत ने इस महीने के शुरू में शरीफ को दस साल और उनकी बेटी मरयम को सात साल कैद की सजा सुनाई थी। उनके और पारिवारिक सदस्यों के खिलाफ भ्रष्टाचार के दो और मामले इसी अदालत में चल रहे हैं। वह शुक्रवार को पाकिस्तान लौटने वाले हैं।