पाक के मंत्री फवाद चौधरी ने कही कश्मीर में इंटरनेट उपलब्ध कराने की बात, ट्विटर पर उड़ा मजाक
पाकिस्तान को जम्मू-कश्मीर में कायम शांति हजम नहीं हो रही है। उसके मंत्री फवाद चौधरी ने कश्मीर में इंटरनेट मुहैया कराने की बात कही है जिसे लेकर उनका मजाक उड़ रहा है।
इस्लामाबाद, एएनआइ। जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद से जम्मू-कश्मीर में शांति बरकरार है। पाकिस्तान को यह बात हजम नहीं हो रही है। यही वजह है कि जम्मू-कश्मीर को अशांत करने की वह किसी भी कोशिश से बाज नहीं आ रहा है। यही वजह है कि उसने कश्मीर में इंटरनेट की सुविधा मुहैया कराने की बात कही है। ऐसा इसलिए ताकि वह भारत के खिलाफ प्रोपेगेंडा फैला सके। हालांकि, इस बयान को लेकर पाकिस्तान के मंत्री का मजाक भी खूब उड़ रहा है।
दरअसल, पाकिस्तान के साइंस एवं टेक्नोलॉजी मंत्री फवाद हुसैन चौधरी (Fawad Hussain Choudhary) ने कहा है कि मौजूदा वक्त में इंटरनेट लोगों का मौलिक अधिकार है। मैंने कश्मीर के लोगों को इंटरनेट मुहैया कराने का फैसला किया है। हम कश्मीर के लोगों को इंटरनेट की सुविधा मुहैया कराने की संभावनाओं पर काम कर रहे हैं। इसके लिए हमने राष्ट्रीय एजेंसी स्पेस एंड अपर एटमॉस्फियर रिसर्च कमीशन (SUPARCO) से संपर्क साधा है। फवाद के इस बयान पर एक ट्विटर यूजर ने लिखा, पाकिस्तान सैटेलाइट वॉर न छेड़े, यह उसकी सेहत के लिए बुरा होगा।
फवाद हुसैन ने बताया कि उन्होंने सुपारको (SUPARCO) से पूछा है कि क्या वह कश्मीर तक इंटरनेट की पहुंच बढ़ा सकती है। पाकिस्तानी मंत्री के बयान पर एक अन्य ट्विटर यूजर ने तंज कसा, लोग सैटेलाइट के जरिए इंटरनेट मुहैया कराने के लिए बधाई देर रहे हैं यही है नया पाकिस्तान... और यही हैं उसके विज्ञान और तकनीकी मंत्री। एक अन्य यूजर ने कहा कि पाकिस्तान की तकनीक के लिए फवाद चौधरी का यह बयान एक मजाक है।
बयान बहादुर फवाद चौधरी यही नहीं रुके उन्होंने जम्मू-कश्मीर के लोगों को 'बंदी नागरिक' तक कह डाला। दरअसल, पाकिस्तान में महंगाई चरम पर है। भारत से आपूर्ति बाधित होने के बाद पाकिस्तान में टमाटर की कीमतें 180 रुपये से 300 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई हैं। पाकिस्तान पर कर्जों का बोझ हर दिन बढ़ता जा रहा है। यही वजह है कि आर्थिक तंगी से गुजर रहे पाकिस्तान की जनता को गुमराह करने के लिए इमरान सरकार के मंत्री रोज नए-नए बयान दे रहे हैं। यही नहीं कश्मीर में कायम शांति भी पाकिस्तानी हुक्मरानों को रास नहीं आ रही है। यही वजह है कि वो उलूल-जलूल बयानबाजियां कर रहे हैं।