कोरोना महामारी के बीच पाकिस्तान में टीएलपी नेता खादिम हुसैन की अंत्येष्टि में उमड़ी भारी भीड़
पाकिस्तान में कोरोना वायरस महामारी के प्रकोप के बीच तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) पार्टी प्रमुख खादिम हुसैन रिजवी की अंत्येष्टि में भारी भीड़ जुटी। पाकिस्तान में दो लाख से अधिक लोग खादिम हुसैन रिजवी की अंतिम यात्रा में शामिल हुए।
लाहौर, एएनआइ। पाकिस्तान के फायर ब्रांड नेता और तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) प्रमुख खादिम हुसैन रिजवी के अंतिम संस्कार में शनिवार को कोरोना संक्रमण के खतरे को दरकिनार करते हुए दो लाख से अधिक लोग शामिल हुए। उनकी 54 साल की उम्र में गुरुवार को मौत हो गई थी। मौत के असल कारण को अब तक नहीं बताया गया है।
डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, लाहौर शहर में फायरब्रांड नेता का खूब प्रभाव दिखा। सभी मार्गो पर समर्थकों की भीड़ जमा होने से ट्रैफिक जाम हो गया। सूत्रों के अनुसार, रिजवी के अंतिम संस्कार में लोगों का भारी संख्या में शामिल होना, यह साबित करता है कि यहां अब भी लोग जिहादियों और कट्टरपंथी इस्लामी विचारधारा को पसंद कर रहे हैं। जबकि दिखाने के लिए पाकिस्तान में इस तरह की विचारधारा के लोगों को मुख्यधारा में शामिल नहीं किया जा रहा है।
दिम हुसैन रिजवी की मौत का अब तक पता नहीं
पाकिस्तान के धार्मिक समूह तहरीक-ए-लब्बैक (टीएलपी) के मुखिया खादिम हुसैन रिजवी का निधन गुरुवार को हो गया था। उनकी मौत का कारण अभी स्पष्ट नहीं है। उनकी पार्टी के प्रवक्ता हमजा ने कहा कि रिजवी को पिछले कुछ दिनों से सांस लेने में तकलीफ थी और सोमवार से उन्हें बुखार था।
कौन हैं खादिम हुसैन रिजवी
रिजवी खुद को धार्मिक आंदोलनकारी बताते रहे हैं। वह पाकिस्तान में ईशनिंदा कानून के बड़े समर्थकों में से एक हैं।
पाकिस्तान में मुस्लिम किशोर ने की अहमदिया डॉक्टर की हत्या
पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में अल्पसंख्यक अहमदिया समुदाय के एक डाक्टर की मुस्लिम किशोर ने धार्मिक मतभेदों के कारण गोली मारकर हत्या कर दी। गोलीबारी में डाक्टर के पिता और दो चाचा घायल हो गए। इस हत्या से अल्पंसख्यकों के प्रति पाकिस्तान के रवैये का असली चेहरा सामने आया है। पाकिस्तान में हाल के दिनों में धर्म के नाम पर अल्पसंख्यकों के साथ अमानवीय व्यवहार की घटनाएं बहुत बढ़ गई हैं। हिंदुओं और इसाइयों के साथ शिया और अहमदिया समुदाय के लोग आए दिन जुल्म-ज्यादती का शिकार बनते हैं।