गिरफ्तारी की डर से नमाज के लिए भी नहीं गया मुंबई हमले का मास्टरमाइंड हाफिज सईद
हाफिज सईद को पहले ही बता दिया गया अगर वहां जाने की कोशिश की तो उसे गिरफ्तार कर लिया जाएगा। सरकार का सख्त रुख जानकर आतंकी सरगना सहम गया और वह गद्दाफी स्टेडियम नहीं गया।
लाहौर, पीटीआइ। बरसों बाद बुधवार को पहली बार गद्दाफी स्टेडियम में आतंकी सरगना हाफिज सईद ने ईद की नमाज की अगुआई नहीं की। उसे स्टेडियम में जमा हजारों लोगों को नमाज पढ़वाने की सरकार ने इजाजत नहीं दी। यहां नमाज के बाद तकरीर में सईद अक्सर भारत के खिलाफ जहर उगलता था और कश्मीर मसले को हवा देता था।
इसके स्थान पर सईद ने अपने जौहर टाउन स्थित आवास के नजदीक एक छोटी मस्जिद में जाकर नमाज अदा की। लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक हाफिज सईद पर मुंबई हमले की साजिश रचने और उसे अंजाम देने का आरोप है। संयुक्त राष्ट्र ने उसे वैश्विक आतंकी घोषित कर रखा है।
सूत्रों के अनुसार सईद ईद की नमाज की अगुआई के लिए गद्दाफी स्टेडियम जाना चाहता था लेकिन एक वरिष्ठ अधिकारी ने उसे मंगलवार को ही सरकार की मंशा से अवगत करा दिया। बता दिया कि उसके स्टेडियम में जाने पर रोक है। अगर वहां जाने की कोशिश की तो उसे गिरफ्तार कर लिया जाएगा। सरकार का सख्त रुख जानकर आतंकी सरगना सहम गया और वह गद्दाफी स्टेडियम नहीं गया।
इससे पहले हाफिज सईद बरसों से ईद-उल-फितर और ईद-उल-अजहा पर नियमित रूप से गद्दाफी स्टेडियम जाता था और नमाज के बाद तकरीर भी देता था। सरकार उसे वहां पर कड़ी सुरक्षा भी मुहैया कराती है। लेकिन भारत के कड़े रुख से पाकिस्तान सरकार इस समय बेहद सावधानी बरत रही है।
फिलहाल दिखाना नहीं चाहती कि वह किसी आतंकी सरगना या उसके संगठन के साथ खड़ी है या उन्हें सुविधाएं दे रही है। पाकिस्तान पर इस समय आतंकियों को आर्थिक संरक्षण देने के कारण अंतरराष्ट्रीय संगठन एफएटीएफ की नजर है। संगठन ने उसे ग्रे सूची में भी डाल रखा है। इससे पाकिस्तान को कहीं से आसानी से सहायता नहीं मिल पा रही है।
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