हाफिज सईद के खिलाफ कार्रवाई के लिए मजबूर हुआ पाकिस्तान, इन मामलों में केस दर्ज
आतंकी सरगना हाफिज सईद पर पाकिस्तान में आतंकवाद के लिए फंडिंग (Terror Funding Case) का केस चलेगा।
लाहौर, रायटर/प्रेट्र। आतंकी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई करने के बढ़ते अंतरराष्ट्रीय दबाव के बीच पाकिस्तान में बुधवार को जमात उद दावा के प्रमुख हाफिज सईद और उसके 12 सहयोगियों के खिलाफ आतंकी फंडिंग के 23 मामले दर्ज किए गए।
पाकिस्तान के आतंकरोधी विभाग ने एक बयान जारी कर बताया कि आतंकी फंडिंग के लिए पांच ट्रस्टों का इस्तेमाल करने के लिए उनके खिलाफ मामले दर्ज किए गए हैं। बयान के मुताबिक, लश्कर ए तैयबा से जुड़े जमात उद दावा और फलाह ए इंसानियत फाउंडेशन को भी निशाना बनाया गया है। विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, 'इन लोगों और संगठनों की सभी संपत्तियों को फ्रीज कर दिया जाएगा और बाद में सरकार इन्हें जब्त कर लेगी।' विभाग ने बताया कि सरकार की यह कार्रवाई संयुक्त राष्ट्र प्रतिबंधों के मुताबिक है।
दरअसल, पाकिस्तान सरकार के इस कदम को फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) के दबाव का नतीजा माना जा रहा है जिसने पिछले साल पाकिस्तान को मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकी फंडिंग के मामलों में अपर्याप्त कदम उठाने के लिए 'ग्रे लिस्ट' में रखा था। पिछले ही महीने उसने आतंकी फंडिंग के खिलाफ प्रयासों को तेज करने के लिए पाकिस्तान को अक्टूबर तक का समय दिया था। एफएटीएफ का कहना था कि अगर तब तक स्थिति में सुधार नहीं हुआ तो पाकिस्तान को काली सूची में भी डाला जा सकता है।
गौरतलब है कि हाफिज सईद आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का संस्थापक है। पाकिस्तान में जमात उद दावा नामक संगठन चलाता है। 2008 में मुंबई हमले का सूत्रधार रहा जिसमें 164 लोग मारे गए। इसी हमले के बाद अमेरिका ने इसके सिर पर एक करोड़ डॉलर का इनाम घोषित कर रखा है। 2006 में मुंबई ट्रेन धमाकों में भी इसका हाथ रहा। 2001 में भारतीय संसद तक को इसने निशाना बनाया। एनआइए की मोस्ट वांटेड सूची में शामिल है। भारत सहित अमेरिका, ब्रिटेन, यूरोपीय संघ, रूस और ऑस्ट्रेलिया ने इसके दोनों संगठनों को प्रतिबंधित कर रखा है।