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पाक नेशनल असेंबली में पूरक वित्त बिल 2021 पारित, विपक्ष के निशाने पर इमरान खान, कहा- जनता वोट की ताकत से देगी जवाब

पाकिस्तान में विपक्षी दलों ने एक बार फिर देश की इमरान खान सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने वित्त (पूरक) विधेयक 2021 और स्टेट बैंक आफ पाकिस्तान (संशोधन) विधेयक 2021 को पारित करने के लिए सरकार को खरी खोटी सुनाई है।

By Amit SinghEdited By: Published: Sat, 15 Jan 2022 04:20 PM (IST)Updated: Sat, 15 Jan 2022 04:20 PM (IST)
पाक नेशनल असेंबली में पूरक वित्त बिल 2021 पारित, विपक्ष के निशाने पर इमरान खान, कहा- जनता वोट की ताकत से देगी जवाब
पाकिस्तान में खाने-पीने को भी तरस सकते हैं लोग

इस्लामाबाद, एएनआई: पाकिस्तान में विपक्षी दलों ने एक बार फिर देश की इमरान खान सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने वित्त (पूरक) विधेयक 2021 और स्टेट बैंक आफ पाकिस्तान (संशोधन) विधेयक 2021 को पारित करने के लिए सरकार को खरी खोटी सुनाई है। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) द्वारा निर्धारित शर्तें को पूरा करने के लिए इन बिलों को पारित किया गया है।

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वक्त आने पर जनता देगी जवाब

द एक्सप्रेस ट्रिब्यून के मुताबिक, पीएमएल-एन के अध्यक्ष शहबाज शरीफ ने ट्वीट किया कि, "कल का दिन देश के संसदीय इतिहास में एक काला दिन था। क्योंकि सरकार ने पहले से ही कीमतों में ऐतिहासिक बढ़ोतरी से जूझ रहे लोगों पर एक मिनी बजट और थोप दिया है। देश के लोग इमरान खान सरकार को, उनका जीवन बद से बदतर बनाने के लिए कभी माफ नहीं करेंगे। आने वाले चुनावों में जनता वोट की ताकत से उन्हें जवाब देगी।

फाइनेंसरों और दानदाताओं की हितैषी है सरकार

शहबाज शरीफ ने बिजली दरों में बढ़ोतरी का जिक्र करके हुए कहा कि, टैरिफ में 4.30 रुपये प्रति यूनिट की वृद्धि बहुत निराशा जनक है। पीटीआई सरकार उन लोगों की दुर्दशा के प्रति असंवेदनशील है, जो पहले से ही अपने जीवन में बहुत सी दिक्कतों का सामना कर रहे हैं। उन्होंने पीटीआई सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा, "यह शासन केवल अपने फाइनेंसरों और दानदाताओं के हितों की सुनता है और उनकी रक्षा करता है।"

जल्दबाजी में पारित हुआ बिल

पाकिस्तान में विपक्षी पार्टी पीएमएल-एन पार्टी के वरिष्ठ नेता शाहिद खाकान अब्बासी और अहसान इकबाल ने भी मौजूदा सरकार पर निशाना साधा है। अब्बासी ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि नेशनल असेंबली में बिल जल्दबाजी में पारित किए गए हैं। इसके पीछे सरकार का मकसद देश की आर्थिक बागडोर आईएमएफ के हाथ में सौपना है। वहीं, इकबाल ने बिलों को पारित करने में गड़बड़ी के लिए सरकार को दोषी ठहराया है। उन्होंने कहा कि एसबीपी बिल "सभी नियमों और विनियमों का साफतौर पर उल्लंघन है"। पीपीपी सीनेटर शेरी रहमान ने भी बिलों के पारित होने के खिलाफ कड़ा बयान देते हुए कहा, "मुद्रास्फीति में सुनामी का दौर देखा जाएगा।


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