PoK में शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे निहत्थे लोगों पर पाकिस्तान पुलिस ने दागी गोलियां
गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजू ने बुधवार को राज्यसभा को बताया कि जम्मू-कश्मीर में पिछले दो वर्षों में घुसपैठ की 777 घटनाएं हुईं जिनमें 94 आतंकी मारे गए।
कश्मीर, एएनआइ। पाक अधिकृत कश्मीर में मौजूदा हालात ठीक नहीं हैं। सरकार की नीतियों और बॉर्डर पर आए दिन होने वाली फायरिंग का लगातार पीओके में विरोध हो रहा है। पाक सरकार विरोध के स्वर को दबाने की पूरी कोशिश कर रही है। शुक्रवार को पीओके के पुंछ इलाके में शांतिपूर्वक विरोध प्रदर्शन कर रहे लोगों पर पाकिस्तान पुलिस ने फायरिंग कर दी, जिसमें काफी लोग घायल हो गए।
बताया जा रहा है कि शुक्रवार को पीओके बॉर्डर से लगे पुंछ इलाके में कुछ लोग 'क्रॉस बॉर्डर फायरिंग' के विरोध में प्रदर्शन कर रहे थे। ये लोग शांतिपूर्वक मार्च निकाल रहे थे। इन निहत्थे लोगों पर पाकिस्तान पुलिस की ओर से फायरिंग की गई, जिसमें 6 लोग जख्मी हो गए हैं। निहत्थे लोगों पर पुलिस फायरिंग की अब पूरे देश में आलोचना हो रही है।
युनाइटेड कश्मीर पीपल्स नेशनल पार्टी के चेयरमैन शौकत अली कश्मीरी ने भी पुलिस के इस कदम की निंदा की। उन्होंने कहा, 'देखिए, कश्मीर के लोग अब अमन चाहते हैं। क्रॉस बॉर्डर फायरिंग और घुसपैठ की घटनाओं का अंत चाहते हैं। लेकिन पाकिस्तान पुलिस के कदम से सरकार की मंशा पर सवाल उठते हैं। पीओके में यह एक शांतिपूर्वक विरोध प्रदर्शन था, इसके बावजूद पाक पुलिस ने उन पर गोलियां चला दीं। इस घटना की जांच होनी चाहिए कि आखिर पुलिस को निहत्थे लोगों पर गोलियां चलाने की जरूरत क्यों महसूस हुई।'
जम्मू-कश्मीर में दो वर्षों में घुसपैठ की 777 घटनाएं
गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजू ने बुधवार को राज्यसभा में बताया कि जम्मू-कश्मीर में पिछले दो वर्षों में घुसपैठ की 777 घटनाएं हुईं जिनमें 94 आतंकी मारे गए। उन्होंने कहा कि दो वर्षों में पंजाब में घुसपैठ की 16 घटनाएं हुईं जिनमें सात आतंकी मारे गए और 11 आतंकी पकड़े गए। उन्होंने लिखित जवाब में कहा कि जम्मू-कश्मीर में 2017 में घुसपैठ की 406 घटनाएं हुईं जिनमें 59 आतंकी मारे गए। जबकि 2016 में घुसपैठ की 371 घटनाएं हुईं जिनमें 35 आतंकी मारे गए।