पाकिस्तान में दो किशोर लड़कियों की निर्मम हत्या मामले में पुलिस नींद से जागी, जांच टीम गठित
पुलिस अधिकारियों को आशंका है कि दोनों जुड़वा बहनों की हत्या ऑनर किलिंग का मामला हो सकता है। पुलिस एक साल पुराने वीडियो को इस हत्या से जोड़कर देख रही है।
इस्लामाबाद, एजेंसी। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत की पुलिस ने पिछले हफ्ते उत्तरी काजीरिस्तान में दो किशोर लड़कियों की निर्मम हत्या के बाद प्रशासन की नींद खुल गई है। पुलिस ने दोषियों का पता लगाने के लिए तलाशी अभियान शुरू कर दिया है। इसके लिए बाकयादा जांच टीम का गठन किया गया है।
बता दें कि जसीमा बीबी और सईदा बीबी नाम की किशोरी बहनों का अपहरण कर लिया गया था। अपहरण के बाद इनका एक पुराना वीडिया भी वायरल हुआ। इस वीडियो के बाद पख्तूनख्वा प्रांत की पुलिस हरकत में आ गई। यह वीडियो 44 सेकंड का है। इस वीडियो में एक आदमी दोनों किशोरियों का चुंबन लेते दिखाई पड़ रहा है। वीडियो वायरस होने के कुछ माह बाद दोनों लड़कियों की अज्ञात हमलावरों नेबेरहमी से हत्या कर दी।
पुलिस अधिकारियों को आशंका है कि दोनों जुड़वा बहनों की हत्या ऑनर किलिंग का मामला हो सकता है। पुलिस एक साल पुराने वीडियो को इस हत्या से जोड़कर देख रही है। उत्तरी वजीरिस्तान के पुलिस प्रमुख शफीउल्ला गंदापुर ने कहा, जिस वीडियो ने हत्याओं का संकेत दिया था, वह एक साल पहले शूट किया गया था, लेकिन हाल ही में सोशल मीडिया पर अपलोड किया गया।
जांच में जुटी पुलिस ने उस व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया है, जिसने इस वीडियो को सोशल मीडिया में अपलोड किया है। हालांकि, पुलिस अधिकारियों को संदेह है कि हत्या के संदिग्ध भाग कर कराची गए होंगे। पुलिस ने हत्या के सबूतों को छिपाने के संदेह में लड़की के पिता और चाचा को भी हिरासत में ले लिया है। लड़कियों के परिवार और रिश्तेदार शर्म के मारे पुसिल में मामला दर्ज नहीं करना चाहते थे, यही वजह है कि पुलिस खुद मामले में शिकायतकर्ता बन गई।
पुलिस का दावा है कि उन्होंने इस मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया है। दोनों लोगों ने लड़कियों की हत्या करने की बात कबूल कर ली है। हालांकि पुलिस अभी दोनों से पूछताछ कर रही है। पुलिस ने यह भी दावा किया कि पुरुषों में से एक पहले पीड़ित का पिता था और दूसरा दूसरे का भाई था, जिसने सोशल मीडिया पर वीडियो देखने के बाद लड़कियों को कथित तौर पर मार डाला। लड़कियों को उत्तरी वजीरिस्तान के गारुइम गांव में बंद कर दिया गया और दफनाया गया।