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Anti Shia Protest: पाकिस्तान में शिया विरोधी प्रदर्शन, हजारों लोगों ने निकाली रैली; सोशल मीडिया पर वायरल हुई तस्वीरें,वीडियोज

मुहर्रम पर आशूरा जुलूस में हिस्सा लेने और आपत्तिजनक बयान देने पर कराची में हजारों लोगों ने शिया विरोधी प्रदर्शन किया और रैली निकाली।

By Monika MinalEdited By: Published: Sat, 12 Sep 2020 11:19 AM (IST)Updated: Sat, 12 Sep 2020 11:19 AM (IST)
Anti Shia Protest: पाकिस्तान में शिया विरोधी प्रदर्शन, हजारों लोगों ने निकाली रैली; सोशल मीडिया पर वायरल हुई तस्वीरें,वीडियोज

कराची, एएनआइ। कराची में शुक्रवार को शिया विरोधी प्रदर्शन में हजारों लोग शामिल हुए जिससे सांप्रदायिक दंगा भड़कने की आशंका है। देश में सोशल मीडिया पर लिखे गए पोस्ट, प्रदर्शन की तस्वीरें और वीडियोज  सांप्रदायिक दंगे को भड़काने की संभावना को प्रबल कर रहे हैं। इन वीडियोज में आतंकी संगठन सिपाह-ए-सहाबा पाकिस्तान का बैनर हाथ में लिए प्रदर्शनकारी नारे  लगा रहे हैं जिसमें कहा  जा रहा है, 'शिया काफिर हैं'। सालों से शियाओं की हत्या से यह आतंकी संगठन जुड़ा है। पाकिस्तानी सोशल मीडिया पर शिया जनसंहार हैशटैग (Shia Genocide) ट्रेंड करने लगा।  

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मीडिया रिपोर्टों के अनुसार,  पिछले माह मुहर्ररम पर आशूरा  जुलूस  के ब्रॉडकास्ट के दौरान देश में कुछ मुख्य शिया नेताओं ने इस्लाम विरोधी अपमानजनक बयान दिए थे जिसके बाद कराची में यह प्रदर्शन हुआ। एक्टिविस्ट आफरीन ने बताया कि अनेकों शिया मुस्लिमों पर धार्मिक आलेखों को पढ़ने और आशूरा जुलूस में हिस्सा लेने के लिए हमला किया गया। अभी इराक में स्थित करबला  में 680 AD में हुए जंग के दौरान मोहम्मद की शहादत की याद में आशुरा जुलूस निकाली जाती है।

प्रदर्शन को लेकर सोशल मीडिया पर यूजर्स की प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। एक  ट्विटर यूजर ने लिखा है कि हिंसा को कवर करने वाले पत्रकार बिलाल फारूकी को गिरफ्तार कर लिया गया है। उन्होंने आरोप लगाया है कि यह शियाओं का नरसंहार ही है। पाकिस्तान में ईशनिंदा एक संवेदनशील मुद्दा है और लोगों को इसका दोषी पाए जाने पर मौत की सजा होती है। आफरीन ने आरोप लगाया है कि कुछ साल पहले शियाओं को मारने के लिए अंजान नंबर से मैसेज किए जा रहे थे। कभी उन पर ग्रेनेड भी फेंके जाते हैं।

आफरीन ने ट्वीट कर कहा, 'मुहर्रम की शुरुआत से हमने देखा है कि अनेकों शियाओं को निशाना बनाया गया।, इस प्रदर्शन को हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए जब हमारे भाइयों और बहनों का अपहरण किया जाता है और उनकी मान्यताओं के कारण उनकी हत्या की जा रही है।' आफरीन ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री इमरान खान को इसकी जिम्मेवारी लेनी होगी क्योंकि उनकी सरकार शिया मुस्लिमों के विरोध में हेट स्पीच को समर्थन दे रही है। 


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