Move to Jagran APP

पाकिस्तान को सता रहा अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों का डर, काली सूची में डाल सकता है एफएटीएफ

कुरैशी ने कहा कि अगर पाकिस्तान को एफएटीएफ द्वारा काली सूची में डाला जाता है तो इससे होने वाले सालाना नुकसान का विदेश विभाग आकलन कर रहा है।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Tue, 02 Apr 2019 08:08 PM (IST)Updated: Wed, 03 Apr 2019 08:04 AM (IST)
पाकिस्तान को सता रहा अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों का डर, काली सूची में डाल सकता है एफएटीएफ

लाहौर, प्रेट्र। आतंकवाद के मामले में वैश्विक स्तर पर घिरे पाकिस्तान को अब अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों का डर सताने लगा है। पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा है कि भारत की पैरवी के चलते फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) उनके मुल्क को काली सूची में डाल सकता है। पाकिस्तान को अगर ग्रे लिस्ट यानी निगरानी सूची में भी कायम रखा जाता है तो देश को सालाना दस अरब डॉलर (करीब 69 हजार करोड़ रुपये) का नुकसान हो सकता है। पाकिस्तान अभी ग्रे लिस्ट में है।

loksabha election banner

कुरैशी ने सोमवार शाम यहां कहा, 'अगर पाकिस्तान को एफएटीएफ द्वारा काली सूची में डाला जाता है तो इससे होने वाले सालाना नुकसान का विदेश विभाग आकलन कर रहा है। भारत इसके लिए लॉबिंग कर रहा है। सरकार का आकलन है कि अगर पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में भी बरकरार रखा जाता तो सालाना दस अरब डॉलर का नुकसान होगा।'

गत 14 फरवरी को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय समुदाय के दबाव का सामना करना पड़ रहा है। इस हमले की पाकिस्तान से संचालित आतंकी संगठन जैश-ए-मुहम्मद ने जिम्मेदारी ली थी। इस घटना के बाद एफएटीएफ के विशेषज्ञों के एक दल ने यह समीक्षा करने के लिए पाकिस्तान का दौरा किया था कि यह मुल्क ग्रे लिस्ट से निकलने के लिए वैश्विक मानकों के अनुरूप पर्याप्त प्रगति कर रहा है या नहीं।

पाक की कार्रवाई पर खड़े किए थे सवाल
गत मार्च में पाकिस्तान का दौरा करने वाले एफएटीएफ के सदस्यों ने प्रतिबंधित आठ संगठनों के खिलाफ जमीनी कार्रवाई को लेकर सवाल खड़े किए थे। सदस्यों ने कहा था कि प्रतिबंधित संगठनों की अब तक जांच तक नहीं की गई। वे अब भी धन एकत्र कर रहे हैं और रैलियां कर रहे हैं।

क्या है ग्रे लिस्ट
एफएटीएफ ने गत जून में पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में डाल दिया था। इस सूची में उन देशों को रखा जाता है जिनके कानून को मनी लांड्रिंग और आतंकी फंडिंग से निपटने में कमजोर माना जाता है। एफएटीएफ ने पाकिस्तान से अपने यहां मौजूद प्रतिबंधित आतंकी संगठनों का पुनर्मूल्यांकन करने को कहा था।

क्या है एफएटीएफ
जी-7 देशों की पहल पर 1989 में एफएटीएफ की स्थापना की गई थी। यह एक अंतर सरकारी संगठन है, जो मनी लांड्रिंग और आतंकवाद के वित्तपोषण को रोकने की दिशा में काम करता है। इसका मुख्यालय पेरिस में है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.