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पाकिस्तान को अपने मकसद में कामयाबी न मिलने के संकेत, सऊदी अरब के साथ रिश्तों में अभी भी है खटास

सऊदी अरब पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी की हिमाकत पर तीखा संदेश देगा जिसका मुस्लिम जगत को पता चले

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Tue, 18 Aug 2020 09:17 PM (IST)Updated: Wed, 19 Aug 2020 12:02 AM (IST)
पाकिस्तान को अपने मकसद में कामयाबी न मिलने के संकेत, सऊदी अरब के साथ रिश्तों में अभी भी है खटास
पाकिस्तान को अपने मकसद में कामयाबी न मिलने के संकेत, सऊदी अरब के साथ रिश्तों में अभी भी है खटास

इस्लामाबाद, आइएएनएस। सऊदी अरब के साथ रिश्तों में आई तल्खी दूर करने के प्रयास में रियाद गए पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा को अपने मकसद में कामयाबी न मिलने के संकेत हैं। मंगलवार को सऊदी अधिकारियों से बाजवा की वार्ता के बाद सऊदी अरब के रक्षा मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि दोनों देशों के रक्षा संबंधों को और मजबूत बनाने पर वार्ता हुई। इसके अतिरिक्त आपसी हितों के अन्य बिंदुओं पर भी चर्चा हुई। लेकिन सऊदी अरब की ओर से पाकिस्तान को रोकी गई तेल आपूर्ति के विषय में कुछ नहीं कहा गया।

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अब इंतजार बाजवा की सऊदी अरब के युवराज मुहम्मद बिन सलमान से मुलाकात का। राजनीतिक संबंधों में आई खटास पर बाजवा उन्हीं से कुछ कह सकते हैं। जाहिर है सऊदी अरब पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी की हिमाकत पर तीखा संदेश देगा जिसका मुस्लिम जगत को पता चले।

कुरैशी ने कश्मीर मसले पर सऊदी अरब के नेतृत्व वाले इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) से समर्थन न मिलने पर हाल ही में नाराजगी जताई थी और धमकी दी थी कि पाकिस्तान खुद भी इस मसले पर मुस्लिम देशों का सम्मेलन बुला सकता है। सऊदी अरब को दबाव में लेने की पाकिस्तान की कोशिश का उलटा असर हुआ और सऊदी ने अपना रुख ज्यादा कड़ा कर लिया। बाजवा संबंधों में पैदा हुई इसी खटास को दूर करने के लिए रियाद गए हैं। वहां वह इमरान सरकार खासतौर कुरैशी के बयान पर पानी डालने के लिए सऊदी नेतृत्व को मनाएंगे।

भारत ने यूएई को किया था धन्यवाद

वहीं, दूसरी ओर विदेश मंत्री जयशंकर ने यूएई को इस बात के लिए खास तौर पर धन्यवाद दिया कि वह इस्लामिक देशों के संगठन  में कुछ देशों की तरफ से भारत विरोधी प्रस्तावों को आगे नहीं बढ़ने देता। कहने की जरुरत नहीं कि इस तरह की कोशिश पाकिस्तान की तरफ से होती है जो कश्मीर के बारे में कई बार ओआइसी में प्रस्ताव ले कर आता है। अभी भी पाकिस्तान की तरफ से यह कोशिश हो रही है कि वह कश्मीर पर ओआइसी देशों के विदेश मंत्रियों की एक विशेष बैठक बुलाये लेकिन यूएई जैसे मित्र देश इसे सफल नहीं होने दे रहे हैं।


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