नेपाल में पाकिस्तान के खिलाफ प्रदर्शन, हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार का विरोध, सिंध में बवाल
पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों पर होने वाले अत्याचार को लेकर नेपाल में जोरदार प्रदर्शन हुए हैं। वहीं सिंध में लोगों ने पाकिस्तानी सेना के खिलाफ आवाजें बुलंद की हैं।
काठमांडू/कराची, एएनआइ। पाकिस्तान (Pakistan) में अल्पसंख्यकों पर होने वाले अत्याचार को लेकर दुनियाभर में आवाजें बुलंद होने लगी हैं। काठमांडू में पाकिस्तानी दूतावास के पास चक्रपाठ चौक पर लोगों ने पाक में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार को लेकर विरोध प्रदर्शन किया। दूसरी ओर सिंध में भी लोगों ने पाकिस्तानी सेना और खुफिया एजेंसियों के खिलाफ आवाजें बुलंद कीं। मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और उन लोगों के परिजनों ने जोरदार प्रदर्शन किया जो लापता हैं। समाचार एजेंसी एएनआइ के मुताबिक कराची प्रेस क्लब के बाहर प्रदर्शन कर रहे लोगों को रोकने के लिए पुलिस ने बल प्रयोग किया।
रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस के साथ मुठभेड़ में पांच लोग घायल बताए जाते हैं। 'द सिंधी मिसिंग पर्सन्स' एवं अन्य मानवाधिकार संगठनों ने सिंध में लापता व्यक्तियों के परिवारों के साथ एकजुटता प्रदर्शित करने के लिए एक विरोध रैली का आयोजन किया। प्रदर्शनकारियों ने 'ये जो दहशतगर्दी है, इसके पीछे वर्दी है' जैसे नारे लगाए..! महिलाओं और बच्चों समेत लापता लोगों के परिवार के अन्य सदस्यों को रोते और पुलिस के साथ बहस करते हुए देखा गया। प्रदर्शनकारी पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियों द्वारा कथित तौर पर अगवा किए गए लोगों की तत्काल रिहाई की मांग कर रहे थे।
एक पीड़ित परिवार के सदस्य सोरत लोहार ने कहा कि सुरक्षा एजेंसियों ने अशगर ब्रोही (Ashgar Brohi) के घर में घुसकर उसके और परिवार के अन्य सदस्यों पर अत्याचार किए। एजेंसी के लोग उसे उठाकर ले जाने से पहले घर को नष्ट कर दिया। सुहनी जॉयो के पति सारंग जॉयो को एजेंसी के जवानों ने अगवा कर लिया था। सुहनी कहती हैं कि हमें उनसे मिलने की अनुमति दी जानी चाहिए। मेरे पति यदि दोषी हैं तो उनको अदालत में पेश किया जाना चाहिए। पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के लोगों ने आतंकियों की तरह हमारे घर में घुसकर सबकुछ नष्ट कर दिया। हम जानते हैं कि असल में पाकिस्तानी एजेंसियां ही आतंकवादी हैं।