भारत के साथ पाक ने जतायी शांतिवार्ता की चाह लेकिन नहीं भूला ‘कश्मीर राग’
दोबारा शांतिवार्ता की शुरुआत की इच्छा जताते हुए पाक ने कहा कश्मीर मुद्दे से बातचीत की शुरुआत की जाए।
इस्लामाबाद (प्रेट्र)। पाकिस्तान के निष्कासित प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के भाई और पीएमएल-एन प्रमुख शाहबाज शरीफ ने भारत से शांतिवार्ता फिर से शुरू करने को कहा लेकिन कश्मीर मुद्दे को नहीं भूले। शाहबाज ने कहा कि अमेरिका व उत्तर कोरिया के बीच हुए सिंगापुर बैठक दोनों पड़ोसी देशों के लिए अच्छा उदाहरण है। इसका उन्हें अनुसरण करना चाहिए।
अमेरिका और उत्तर कोरिया के बीच दशकों के तनावपूर्ण संबंधों के बाद मंगलवार को ऐतिहासिक घटनाक्रम के तहत दोनों देशों के नेता सिंगापुर में मिले जहां उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन ने अमेरिका की ओर से सुरक्षा गारंटी के बदले पूर्ण परमाणु निरस्त्रीकरण की दिशा में काम करने का वादा किया। शहबाज शरीफ ने ट्वीट किया, ‘कोरियाई युद्ध के शुरू होने के बाद से दोनों देश एक-दूसरे की राह में रोड़े अटकाते रहे हैं। दोनों एक-दूसरे के खिलाफ अपने परमाणु हथियारों के साथ सैन्य बल के इस्तेमाल की धमकी देते रहे हैं।’
उन्होंने कहा, ‘अगर अमेरिका और उत्तर कोरिया परमाणु मुद्दे पर विवाद के मुहाने से लौट सकते हैं तो इसकी कोई वजह नहीं है कि पाकिस्तान और भारत ऐसा क्यों नहीं कर सकते। इसकी शुरुआत कश्मीर पर बातचीत से हो, जहां के बहादुर लोग भारत के कब्जे का विरोध करते रहे हैं।’
उन्होंने कहा, ‘यह समय हमारे क्षेत्र में व्यापक शांति वार्ता का है। अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को अफगानिस्तान में शांति प्रक्रिया पर ध्यान लगाना चाहिए। कश्मीर पर भारत और पाकिस्तान के बीच वार्ता फिर से शुरू होनी चाहिए ताकि कश्मीर मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों के अनुसार हल किया जा सके।’ अपने बड़े भाई नवाज शरीफ से उलट शाहबाज शरीफ का भारत पर अपने आप में यह दुर्लभ बयान है। पाकिस्तान के कई राजनीतिज्ञों का मानना है कि नवाज शरीफ को पद से हटाने के पीछे भारत के साथ संबंधों को सामान्य करने के उनके प्रयास भी एक वजह थे।
अपनी पार्टी की ओर से प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार शाहबाज ने यह भी कहा कि भारत चिर प्रतिद्वंद्वी देशों के बीच पहले के तनावों को पीछे छोड़ दें और नए सिरे से बातचीत शुरू करें।
उन्होंने कहा, ‘अमेरिका और उत्तर कोरिया की वार्ता पाकिस्तान और भारत के लिए आदर्श होनी चाहिए। अगर वे एक-दूसरे के खिलाफ हमले करने की अपनी पहले की शत्रुतापूर्ण स्थिति से पीछे हट सकते हैं तो पाकिस्तान और भारत भी समग्र संवाद बहाल कर सकते हैं।’ पीएमएल-एन प्रमुख ने कहा कि 25 जुलाई को होने वाले चुनावों में अगर उनकी पार्टी सत्ता में आती है तो वह अफगानिस्तान पर फोकस करने के साथ क्षेत्र में शांति को बढ़ावा देंगे। उन्होंने ईद-उल-फितर के दौरान अफगानिस्तान में संघर्ष विराम के लिए अफगान सरकार और अफगान तालिबान के प्रयासों का स्वागत किया।