परवेज मुशर्रफ: भारत के खिलाफ कारगिल युद्ध के खलनायक, जानें उनका सैन्य और सियासी सफर
पाकिस्तान में जबरन सत्ता हथियाने वाले सैन्य तानाशाह परवेज मुशर्रफ अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रहे हैं।
नई दिल्ली, जागरण स्पेशल। पाकिस्तान में जबरन सत्ता हथियाने वाले सैन्य तानाशाह परवेज मुशर्रफ अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रहे हैं। उन्हें राजद्रोह के मामले में स्पेशल कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई है। मुशर्रफ को ये सजा नवंबर 2007 में देश में लगाई गई इमरजेंसी के मामले में सुनाई गई है। देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जब अमन का पैगाम लेकर पाकिस्तान में थे, तब मुशर्रफ कारगिल की साजिश रच रहे थे। वहीं आगरा शिखर वार्ता में मुशर्रफ के अड़ियल रवैये के कारण कश्मीर का हल नहीं निकल सका था। भारत के दृष्टिकोण से मुशर्रफ का सैन्य और सियासी सफर महत्वपूर्ण है।
कारगिल युद्ध
कारगिल युद्ध को दो बातों के लिए सबसे ज्यादा याद किया जाता है। एक है, भारतीय सेना के अदम्य शौर्य के लिए तो दूसरा मुशर्रफ की कुटिलता के लिए। माना जाता है कि मुशर्रफ ने अपनी राजनीतिक आकांक्षाओं को परवान चढ़ाने के लिए कारगिल का युद्ध छेड़ दिया। उस समय वह पाकिस्तान के सेना प्रमुख थे। अपनी आत्मकथा 'इन द लाइन ऑफ फायर' में उन्होंने लिखा है कि पाकिस्तानी सेना कारगिल युद्ध में शामिल थी। हालांकि इससे पहले पाकिस्तान इस तथ्य को छिपाता रहा था। मुशर्रफ ने हार की शर्मिदगी से बचने के लिए पूरी जिम्मेदारी तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ पर डाल दी। उन्होंने कहा कि नवाज शरीफ ने कारगिल युद्ध से हाथ खींचने के लिए कहा था।
आगरा शिखर वार्ता
जुलाई 2001 में भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और जबरन राष्ट्रपति के पद पर काबिज हुए मुशर्रफ की आगरा में मुलाकात हुई। इस शिखर वार्ता में कश्मीर मसले को लेकर मुशर्रफ के साथ सहमति नहीं बन सकी। मुशर्रफ के अडि़यल रवैये के कारण यह वार्ता पटरी से उतर गई थी। वाजपेयी ने मुशर्रफ से कश्मीर में सीमा पार से होने वाली आतंकवादी गतिविधियों को रोकने के लिए कहा था।
संसद हमला
2001 में ही भारतीय संसद पर हमला हुआ। इस हमले में पाकिस्तान पोषित लश्कर ए तैयबा और जैश ए मुहम्मद जैसे संगठन शामिल थे। मुशर्रफ ने हमले के काफी सालों बाद यह स्वीकारा था कि वो आतंकवादियों को अपने यहां पर ट्रेनिंग देकर भारतीय सेना से लड़ने के लिए भेजते थे।
जब भारत से डर गए मुशर्रफ
मुशर्रफ ने पुलवामा हमले के बाद दोनों देशों के बीच तनाव को खतरनाक स्तर पर बताया था। उन्होंने कहा था कि यदि पाकिस्तान अपने निकटवर्ती देश पर एक परमाणु बम से हमला करता है तो पड़ोसी देश हमें बीस परमाणु बमों से खत्म कर सकता है।
फिलहाल दुबई में हैं मुशर्रफ
मई 2016 में पाकिस्तान की कोर्ट ने परवेज मुशर्रफ को भगोड़ा घोषित किया था। मुशर्रफ 2016 से ही दुबई में हैं। वहां पर उनका इलाज भी चल रहा है। कुछ समय पहले उनकी एक तस्वीर वायरल हुई थी जिसमें वह अस्पताल में बेड पर काफी कमजोर दिखाई दे रहे थे। एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने कहा था कि वह अदालत का सम्मान करते हुए मामलों का सामना करने वापस जरूर आएंगे, लेकिन बाद में उन्होंने वापस लौटने से साफ इनकार कर दिया था। मार्च 2018 में पाकिस्तान कोर्ट के आदेश के बाद उनका पासपोर्ट और पहचान पत्र तक रद कर दिया गया था।
मुशर्रफ एक नजर में
- 11 अगस्त, 1943 को दिल्ली में जन्में
- 1961 पाकिस्तानी सैन्य अकादमी में चयन
- 1998 में पाकिस्तान के सैन्य प्रमुख बने
- 1999 में नवाज शरीफ को हटा सत्ता पर काबिज हुए
- 2001 में सैन्य प्रमुख रहते स्वयं को राष्ट्रपति घोषित किया
- 2002 में विवादास्पद जनमत संग्रह के बाद पांच साल के लिए राष्ट्रपति बने।
- 2007 में एक बार फिर राष्ट्रपति बने।
देशद्रोह का केस
-3 नवंबर, 2007 को मुल्क में आपातकाल लगाया
-28 नवंबर को सेना प्रमुख के पद से इस्तीफा दिया
-15 दिसंबर मुशर्रफ ने आपातकाल हटाया
-अगस्त 2008 दो प्रमुख सत्ताधारी दलों द्वारा महाभियोग का मामला चलाए जाने की सहमति के बाद मुशर्रफ ने राष्ट्रपति पद से इस्तीफा दिया
- 31 जुलाई 2009: पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने मुशर्रफ के 3 नवंबर 2007 के फैसले को असंवैधानिक बताया
- 06 अगस्त मुशर्रफ ने अपने खिलाफ आरोपों को बेबुनियाद बताया और पाकिस्तान छोड़कर ब्रिटेन चले गए
- 23 जनवरी 2012 पाकिस्तान की संसद ने एक संकल्प पारित किया। जिसमें मुशर्रफ को पाकिस्तान लौटते ही तुरंत गिरफ्तार करने का निर्णय लिया।
- 24 मार्च 2013 मुशर्रफ चुनाव के लिए पाकिस्तान लौटे
- 08 अप्रैल देशद्रोह मामले में मुशर्रफ को सुप्रीम कोर्ट का समन
-12 दिसंबर विशेष अदालत ने मुशर्रफ को देशद्रोह मामले का सामना करने के लिए तलब किया
-02 जनवरी 2014 मुशर्रफ बीमार होकर अस्पताल में भर्ती
- 16 मार्च 2016 मुशर्रफ को विदेश में इलाज कराने की अनुमति मिली
-11 मई विशेष अदालत ने मुशर्रफ को देशद्रोह मामले में फरार घोषित किया
-19 नवंबर 2018: कोर्ट ने मुशर्रफ के वकील को उन्हें वापस लौटाने के लिए मनाने के लिए कहा
- 31 मार्च, 2019: सुप्रीम कोर्ट ने मुशर्रफ को 2 मई को देशद्रोह मामले में विशेष अदालत में पेश होने का आदेश दिया।
- 19 नवंबर: विशेष अदालत ने देशद्रोह मामले में अपनी कार्यवाही समाप्त की और कहा कि 28 नवंबर को फैसला सुनाया जाएगा।
- 23 नवंबर: मुशर्रफ ने लाहौर उच्च न्यायालय में याचिका दायर की।
- 27 नवंबर: उच्च न्यायालय ने राजद्रोह के मामले में फैसला सुनाने से विशेष अदालत को रोक दिया।
- 5 दिसंबर: विशेष अदालत ने 17 दिसंबर को मामले में फैसला सुनाने को कहा।
- 17 दिसंबर: विशेष अदालत ने मुशर्रफ मुशर्रफ को मौत की सजा सुनाई।