अस्पताल में भर्ती मुशर्रफ बोले, राजद्रोह का मामला आधारहीन, मेरा पक्ष नहीं सुना जा रहा
पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ ने कहा है कि उनके खिलाफ दर्ज किया गया राजद्रोह का मामला आधारहीन है और उनके वकील को नहीं सुना जा रहा है।
दुबई, एएनआइ। पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति जनरल (सेवानिवृत्त) परवेज मुशर्रफ ने कहा है कि उनके खिलाफ दर्ज किया गया राजद्रोह का मामला आधारहीन है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि उन्हें न्याय नहीं दिया जा रहा है क्योंकि उनके वकील की दलीलें नहीं सुनी जा रही हैं। बता दें कि संगीन राजद्रोह के आरोपों का सामना कर रहे पाकिस्तान के पूर्व सैन्य तानाशाह मुशर्रफ की तबियत अचानक बिगड़ गई है जिसके बाद उन्हें दुबई के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
अपने स्वास्थ्य के बारे में मुशर्रफ ने दुबई के अमेरिकन हास्पिटल से अपने एक वीडियो संदेश में कहा कि मेरी तबियत बेहद खराब है। मुझे बार बार अस्पताल जाना पड़ रहा है। मेडिकल रिपोर्टों में कहा गया है कि मुशर्रफ हृदय रोग और रक्तचाप की समस्या से जूझ रहे हैं। उनकी पार्टी ऑल पाकिस्तान मुस्लिम लीग (एपीएमएल) के मुताबिक, उन्हें सोमवार को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। पाकिस्तान के न्यूज चैनल जीओ न्यूज (Geo News) के अनुसार, मुशर्रफ ने कहा, 'मैंने पाकिस्तान के लिए युद्ध लड़े हैं और 10 साल तक देश सेवा की है। फिर भी मेरे वकील सलमान सफदर को अदालत नहीं सुन रही है।
पूर्व सैन्य शासक ने संगीन राजद्रोह के मामले में न्याय पाने की उम्मीद जताई और कहा कि मामले में गठित आयोग को उनका पक्ष भी सुनना चाहिए। उन्होंने कहा कि मेरा बयान लेने के लिए आयोग यहां आ सकता है, मैं उन्हें बयान दे सकता हूं। वे आकर मुझे सुन सकते हैं और मेरी हालत भी देख सकते हैं। मुझे उम्मीद है कि मुझे न्याय मिलेगा।
बता दें कि मुशर्रफ पर नवंबर 2007 में देश पर 'संविधान के खिलाफ जाकर आपातकाल थोपने' का आरोप है। इस मामले में यदि उन्हें दोषी करार दिया जाता है तो उन्हें मौत की सजा तक मिल सकती है। इस्लामाबाद की विशेष अदालत ने मुशर्रफ को निर्देश दिया है कि वह इस राजद्रोह के मामले में पांच दिसंबर 2019 को अपना बयान दर्ज कराएं। बीते दिनों विशेष अदालत ने मुशर्रफ को तलब किया था लेकिन वह पेश नहीं हुए थे। विशेष अदालत ने 19 नवंबर को मामले की सुनवाई पूरी कर ली थी और कहा था कि वह 28 नवंबर को फैसला सुनाएगी।
इसके बाद मुशर्रफ और पाकिस्तान की इमरान खान सरकार ने इस्लामाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर करते हुए विशेष अदालत को फैसला सुनाने से रोकने की अपील की थी। इनका कहना था कि अस्वस्थ होने के कारण मुशर्रफ मामले में अपना पक्ष नहीं रख सके हैं। उन्हें पक्ष रखने दिया जाए। इस पर इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने अदालत को फैसला सुनाने से रोक दिया था। साथ ही मामले की सुनवाई पांच दिसंबर से करने को कहा था।