महिला और उसकी बच्ची की हत्या से धधक उठा बलूचिस्तान, डर से चौकियां छोड़ भागे पाकिस्तानी सैनिक
एक बलूच महिला और उसकी बेटी की हत्या से बलूचिस्तान में रहने वाले लोगों को हिंसक प्रदर्शनों के लिए मजबूर कर दिया है। घबराकर पाकिस्तानी सैनिक भाग खड़े हुए हैं।
इस्लामाबाद, एजेंसियां। पाकिस्तान के भेदभावपूर्ण रवैये और दमनकारी नीतियों ने बलूचिस्तान में रहने वाले लोगों को हिंसक प्रदर्शन के लिए मजबूर कर दिया है। एक बलूच महिला और उसकी बेटी की हत्या ने पूरे सूबे के लोगों में उबाल पैदा कर दिया है। इस वारदात के खिलाफ बुधवार को जब प्रदर्शनकारी बलूचिस्तान के ब्राबचाह इलाके में जुटे तो वहां हिंसा भड़क उठी। प्रदर्शनकारियों ने पाकिस्तानी सुरक्षा बलों और उनकी चौकियों पर पथराव के साथ तोड़फोड़ और आगजनी शुरू कर दी। इससे घबराकर पाकिस्तानी सैनिक भाग खड़े हुए।
बलूचिस्तान पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, दो हफ्ते पहले मलिका नाज नामक महिला और उसकी चार साल की बेटी तुर्बत की दन्नोक तहसील में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। लोगों का आरोप है कि दोनों की हत्या को बलूचिस्तान में सत्तारूढ़ बलूचिस्तान अवामी पार्टी (बीएपी) के आत्मघाती दस्ते ने अंजाम दिया है। बलूच रिपब्लिकन पार्टी (बीआरपी) ने इस घटना के लिए पाकिस्तानी सेना को जिम्मेदार ठहराया है। उसने कहा कि सैनिक निर्दोष लोगों की हत्या कर रहे हैं। इस वारदात ने न केवल बलूचिस्तान बल्कि पूरे पाकिस्तान में व्यापक आक्रोश पैदा कर दिया है।
बीएपी की स्थापना पाकिस्तान मुस्लिम लीग (एन) और पाकिस्तान मुस्लिम लीग (क्यू) के कुछ सदस्यों ने वर्ष 2018 में की थी। उसी साल हुए आम चुनावों में वह बलूचिस्तान में 19 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी। बीएपी राज्य की गठबंधन सरकार का नेतृत्व करती है, जिसके मुखिया जाम कमाल खान हैं। बीएपी केंद्र में प्रधानमंत्री इमरान खान की सरकार को समर्थन दे रही है। अभी हाल ही में पाकिस्तान के पंजाब प्रांत (Pakistan Punjab Province) में लाहौर शहर के युहानाबाद इलाके (Youhanabad) में एक ईसाई लड़की को स्थानीय मुस्लिम लोगों ने बंदूक की नोक पर अगवा कर लिया था। इस घटना के बाद परिजनों ने इमरान खान से लेकर तमाम नेताओं से न्याय की गुहार लगाई है।