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कश्मीर को बांटने की कोशिश का विरोध करेगा पाकिस्तान: कुरैशी

राज्य में चुनावी कवायद शुरू होते ही पाकिस्तान बोला कश्मीर में कोई और गैरकानूनी कदम उठाने से बचे भारत। कुरैशी के हवाले से एक बयान जारी हुआ- भारत को पांच अगस्त 2019 के अपने कदम के बाद कश्मीर में कोई और गैरकानूनी कदम उठाने से बचना चाहिए।

By Nitin AroraEdited By: Published: Sun, 20 Jun 2021 01:46 AM (IST)Updated: Sun, 20 Jun 2021 01:46 AM (IST)
कश्मीर को बांटने की कोशिश का विरोध करेगा पाकिस्तान: कुरैशी
कश्मीर को बांटने की कोशिश का विरोध करेगा पाकिस्तान: कुरैशी

इस्लामाबाद, प्रेट्र। जम्मू-कश्मीर में चुनाव कराने की कवायद शुरू होते ही पाकिस्तान को अपने मंसूबों पर फिर पानी फिरता दिख रहा है। लिहाजा वहां के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने शनिवार को कहा कि उनका देश कश्मीर को बांटने या उसकी जनसांख्यिकी बदलने की भारत की किसी भी कोशिश का विरोध करेगा।

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पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने कुरैशी के हवाले से एक बयान जारी कर कहा कि भारत को पांच अगस्त, 2019 के अपने कदम के बाद कश्मीर में कोई और गैरकानूनी कदम उठाने से बचना चाहिए। पाकिस्तान का यह बयान ऐसे समय आया है जब भारत सरकार ने जम्मू-कश्मीर के 14 राजनीतिक दलों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में 24 जून को होने वाली उच्चस्तरीय बैठक में हिस्सा लेने के लिए आमंत्रित किया है। उम्मीद की जा रही है कि इस बैठक में जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराने का रोडमैप तैयार करने पर विचार-विमर्श किया जाएगा।

कुरैशी ने कहा कि पाकिस्तान ने भारत के पांच अगस्त, 2019 के कदम का कड़ा विरोध किया था और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद समेत सभी अंतरराष्ट्रीय मंचों पर इस मसले को उठाया था। उन्होंने भारत के संभावित कदमों के बारे में सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष और संयुक्त राष्ट्र महासचिव को अवगत भी करा दिया था।

अंतरराष्ट्रीय अदालत के फैसले को गलत तरीके से पेश कर रहा भारत

पाकिस्तान ने भारत पर कुलभूषण जाधव मामले में अंतरराष्ट्रीय अदालत के फैसले को गलत तरीके से पेश करने का आरोप भी लगाया है। उसने जोर देकर कहा कि वह अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत सभी बाध्यताओं को पूरा करने के लिए तैयार है। भारत ने गुरुवार को पाकिस्तान से कहा था कि वह जाधव मामले की समीक्षा करने की अनुमति देने के लिए लाए गए विधेयक की कमियों को दूर करे। भारत का कहना था कि प्रस्तावित कानून में अंतरराष्ट्रीय अदालत के फैसले के मुताबिक समीक्षा के लिए तंत्र बनाने का प्रविधान नहीं है।


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