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गिलगिट-बाल्टिस्तान को पूर्ण प्रांत बनाने की फिराक में पाकिस्तान, जानिए चीन को लेकर इसके पीछे की क्या है मंशा

कश्मीर और गिलगिट-बाल्टिस्तान मामलों के मंत्री अली अमीन गंडापुर के हवाले से बताया है कि प्रधानमंत्री इमरान जल्द इस क्षेत्र का दौरा कर इसकी औपचारिक घोषणा करेंगे।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Thu, 17 Sep 2020 09:23 PM (IST)Updated: Thu, 17 Sep 2020 09:28 PM (IST)
गिलगिट-बाल्टिस्तान को पूर्ण प्रांत बनाने की फिराक में पाकिस्तान, जानिए चीन को लेकर इसके पीछे की क्या है मंशा
गिलगिट-बाल्टिस्तान को पूर्ण प्रांत बनाने की फिराक में पाकिस्तान, जानिए चीन को लेकर इसके पीछे की क्या है मंशा

इस्लामाबाद, एजेंसियां। गिलगिट-बाल्टिस्तान क्षेत्र पर अवैध कब्जा जमाए बैठा पाकिस्तान अब इसके दर्जे को बढ़ाकर अपना पांचवां पूर्ण राज्य बनाने की फिराक में है। चीन को खुश करने के लिए इमरान सरकार किसी भी दिन इसकी घोषणा कर सकती है। यह जानकारी पाकिस्तान के एक मंत्री ने दी है।

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भारत पहले ही पाकिस्तान को साफ शब्दों में बता चुका है कि गिलगिट-बाल्टिस्तान पर उसका कोई अधिकार नहीं है। केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और लद्दाख का पूरा इलाका भारत का अभिन्न अंग है, जो कि विधि सम्मत और अपरिवर्तनीय है।

इस्लामाबाद की कोशिशों का मई में भारत ने किया था विरोध

पाकिस्तान के कब्जे वाले इलाके में ठोस बदलाव करने के इस्लामाबाद की कोशिशों का मई में भारत ने कड़ा विरोध किया था। भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा था कि पाकिस्तान सरकार और उसकी न्यायपालिका का अवैध रूप से कब्जाए गए इन इलाकों पर कोई अधिकार नहीं है। भारत जबरन कब्जाए गए इलाकों में ठोस बदलाव करने के इस्लामाबाद के प्रयासों को खारिज करता है। भारत ने यह भी कहा था कि पाकिस्तान को तुरंत पूरे इलाके को खाली कर देना चाहिए।

द एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने कश्मीर और गिलगिट-बाल्टिस्तान मामलों के मंत्री अली अमीन गंडापुर के हवाले से बताया है कि प्रधानमंत्री इमरान जल्द इस क्षेत्र का दौरा कर इसकी औपचारिक घोषणा करेंगे। इसके बाद गिलगिट-बाल्टिस्तान को एक पूर्ण राज्य के तौर पर सभी संवैधानिक अधिकार मिल जाएंगे। सभी पक्षकारों के साथ विचार-विमर्श के बाद संघीय सरकार ने गिलगिट-बाल्टिस्तान को संवैधानिक अधिकार देने का सैद्धांतिक सहमति जताई है। उन्होंने कहा कि गिलगिट-बाल्टिस्तान को नेशनल असेंबली व सीनेट समेत सभी संवैधानिक संस्थाओं में पर्याप्त प्रतिनिधित्व दिया जाएगा।

गंडापुर ने यह भी बताया कि चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (CPEC) के तहत मोकपोंदास विशेष आर्थिक क्षेत्र का काम भी शुरू किया जाएगा। सीपीईसी को लेकर भारत चीन से विरोध जताता रहा है, क्योंकि यह गुलाम कश्मीर से होकर गुजरता है।


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