नवाज शरीफ को पाकिस्तान SC से बड़ा झटका, खारिज हुई स्थायी जमानत की याचिका
नवाज शरीफ की जमानत याचिका को कोर्ट ने ये कहते हुए खारिज कर दिया कि उन्हें पहले ही इलाज के लिए छह हफ्ते की जमानत दी जा चुकी है।
इस्लामाबाद, एजेंसी। पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ द्वारा की जमानत बढ़ाए जाने की याचिका को खारिज कर दिया है। भ्रष्टाचार आरोपों का सामना कर रहे नवाज ने मेडिकल आधार पर जमानत के लिए याचिका दायर की थी। मुख्य न्यायाधीश आसिफ सईद खोसा की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने इस याचिका को खारिज किया। स्थानीय मीडिया के मुताबिक, कोर्ट ने उन्हें 26 मार्च को छह हफ्ते के लिए विदेश इलाज कराने को लेकर जमानत दी थी।
25 अप्रैल को उन्होंने शीर्ष अदालत में स्थाई जमानत के लिए समीक्षा याचिका पेश की थी। बता दें की नवाज की जमानत 7 मई को समाप्त होने वाली है। मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि अदालत ने शरीफ को छह सप्ताह की जमानत दी थी, ताकि उन्हें उपचार मिल सके, लेकिन पूरी जमानत अवधि पाकिस्तान मुस्लिम लीग की स्थिति का पता लगाने के लिए परीक्षण कराने में खर्च की गई थी । हमने उन्हें छह सप्ताह की जमानत दी थी जैसा कि पांच मेडिकल बोर्ड और 31 डॉक्टरों द्वारा सिफारिश की गई थी। ताकि उनकी एंजियोग्राफी हो सके। लेकिन, मूल्यांकन और परीक्षण आयोजित करने में समय व्यतीत किया गया।
उन्होंने कहा कि "याचिकाकर्ता के आचरण से पता चलता है कि उनके जीवन के लिए कोई खतरा नहीं है। मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि नई मेडिकल रिपोर्टों से पता चला है कि शरीफ की सेहत बिगड़ रही थी और सुधार नहीं हो रहा था, लेकिन उन्होंने कहा उसके लिए जेल में इलाज किया जाना संभव था क्योंकि अधीक्षक को आवश्यकता पड़ने पर उसे अस्पताल भेजने का अधिकार होगा। हालांकि, जस्टिस खोसा ने यह भी कहा कि शीर्ष अदालत शरीफ के स्वास्थ्य के बारे में नई चिकित्सा रिपोर्टों के आधार पर अपने आदेश की समीक्षा नहीं कर सकती है।
न्यायधीश खोसा ने कहा कि जो भी लोग चिकित्सा आधार पर जमानत के लिए आवेदन करते हैं और दावा करते है कि उनके जीवन को खतरा है ऐसे में समीक्षा करना एक लंबी प्रक्रिया बन जाएगी। शरीफ को अब मंगलवार को जेल अधिकारियों के सामने आत्मसमर्पण करना होगा। बता दें कि शरीफ 24 दिसंबर, 2018 से लाहौर कोट की लखपत जेल में सात साल की जेल की सजा काट रहे हैं। उन्हें तीन भ्रष्टाचार के मामलों में से एक में दोषी ठहराया गया है। उन्हें तीन भ्रष्टाचार के मामलों में से एक में दोषी ठहराया गया है।
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