Pakistan Supreme Court ने सेना प्रमुख जनरल बाजवा का कार्यकाल 6 माह बढ़ाया
ये उम्मीद की जा रही है कि जावेद बाजवा का कार्यकाल बढ़ सकता है मगर ये इतने अधिक समय के लिए नहीं होगा। इसे कोर्ट खुद तय करेगी।
नई दिल्ली, [जागरण स्पेशल]। पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा को 6 माह का सेवा विस्तार दे दिया है। उनका ये सेवा विस्तार इमरान सरकार की ओर से कोर्ट में नई अप्लीकेशन देने के बाद दिया गया है। गुरुवार को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने सरकार से सेवा का विस्तार करने के लिए नई अप्लीकेशन प्रस्तुत करने के निर्देश दिए थे। साथ ही ये भी कहा है कि जो अप्लीकेशन दाखिल की जाए उसमें कार्यकाल बढ़ाए जाने का समय नहीं लिखा होना चाहिए। उसी के बाद सरकार की ओर से अप्लीकेशन दी गई, हैं।
नई अप्लीकेशन ली और 6 माह का कार्यकाल बढ़ाया
नई अप्लीकेशन मिल जाने के बाद कोर्ट ने शर्तों के साथ अगले 6 माह के लिए जावेद बाजवा का कार्यकाल बढ़ा दिया है। प्रधानमंत्री इमरान खान ने 19 अगस्त की आधिकारिक अधिसूचना के माध्यम से सुरक्षा का हवाला देते हुए जनरल बाजवा को तीन साल का विस्तार दे दिया था, नियमत: किसी सेना प्रमुख का कार्यकाल बढ़ाने का अधिकार राष्ट्रपति के पास है ना कि प्रधानमंत्री इमरान के पास। इस वजह से इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में एक केस फाइल हुआ जिसका संज्ञान लेते हुए अदालत सुनवाई कर रही थी। गुरूवार को सुनवाई के बाद ये फैसला सुनाया गया।
मुख्य न्यायाधीश आसिफ सईद खान खोसा की अध्यक्षता और न्यायमूर्ति मजहर आलम खान मियांखेल और न्यायमूर्ति मंसूर अली शाह की अध्यक्षता वाली शीर्ष अदालत की तीन-सदस्यीय पीठ ने लगातार तीसरे दिन इसकी सुनवाई की। इससे पहले रायज राही नामक एक व्यक्ति ने इस संबंध में याचिका दाखिल की थी मगर बाद में उसने इसे वापस लेने के लिए अप्लीकेशन लगाई। कोर्ट ने इस अप्लीकेशन पर खुद संज्ञान ले लिया और केस वापस करने से मना कर दिया। उसके बाद से ही इस मामले में जोर पकड़ा हुआ है। इस मामले में अब सुनवाई के बाद महत्वपूर्ण फैसले की घोषणा 10 सदस्यीय पूर्ण अदालत द्वारा की जाएगी।
समय न लिखे जाने का आदेश
गुरुवार की सुनवाई के दौरान, अदालत ने सरकार को बाजवा की सेवा में विस्तार के लिए किसी भी समय अवधि का उल्लेख नहीं करने के लिए कहा है। यह भी निर्देश दिया कि सरकार को सारांश में उल्लेख करना चाहिए कि यह शीर्ष अदालत के आदेश पर तैयार किया गया था। पीठ ने पूर्व सेना प्रमुख जनरल अशफाक परवेज कयानी और उनके उत्तराधिकारी जनरल रहेल शरीफ की सेवानिवृत्ति से संबंधित दस्तावेजों और पेंशन से संबंधित दस्तावेजों की भी मांग की। चूंकि दस्तावेज आसानी से उपलब्ध नहीं थे, इसलिए अदालत ने कागजात पेश करने के लिए सरकार को समय देने के लिए कार्यवाही को 15 मिनट के लिए स्थगित कर दिया। जब सुनवाई फिर से शुरू हुई, अटॉर्नी जनरल अनवर मंसूर ने अदालत को बताया कि सरकार ने संविधान के अनुच्छेद 243 के तहत सेना प्रमुख के रूप में जनरल बाजवा की नई नियुक्ति की है।
आज समाप्त हो रहा कार्यकाल
बाजवा का मूल कार्यकाल गुरुवार को आधी रात को समाप्त हो जाएगा। यदि सुप्रीम कोर्ट फैसला सुनाता तो वो सेना प्रमुख के रूप में अपना कार्यकाल जारी रख सकते हैं। सरकार ने मामले में शीर्ष अदालत की टिप्पणियों के बाद 19 अगस्त के आदेशों को वापस ले लिया और एक नई अधिसूचना जारी की जिसे बुधवार को अदालत ने भी खारिज कर दिया। प्रधानमंत्री इमरान खान ने अनिश्चित स्थिति से निपटने के लिए आपातकालीन कैबिनेट की बैठक बुलाई, जिसमें जनरल बाजवा खुद विचार-विमर्श में शामिल हुए। इस मामले को आगे बढ़ाने के लिए मंगलवार को कानून मंत्री के रूप में अपने पद से इस्तीफा देने वाले फारूख नसीम ने अदालत में जनरल बाजवा का प्रतिनिधित्व किया।
भारत का डर भी बाजवा को न हटाना एक बड़ी वजह
जानकारों का कहना है कि भारत के डर की वजह से पाकिस्तान सरकार अपने सेना प्रमुख जावेद बाजवा को नहीं हटना चाहती है। यही वजह है कि इमरान सरकार ने सेना प्रमुख बाजवा को रोकने के लिए सेना नियमों में संशोधन किया है। इमरान ये जानते हैं कि जम्मू-कश्मीर और भारत-पाकिस्तान सीमा पर भारत के खिलाफ रणनीति बनाने में बाजवा माहिर है। पाक सरकार को लगता है बाजवा के जाने से सीमा पर उनकी पकड़ कमजोर होगी। इसलिए पाकिस्तान सरकार ने सेना के नियमों 255 में संशोधन किया है ताकि सेना प्रमुख से संबंधित मामले में अदालत की अड़चनों को दूर किया जा सके। पाकिस्तान सरकार ने यह कदम तब उठाया जब सुप्रीम कोर्ट ने बाजवा के कार्यकाल बढ़ाने के फैसले को निलंबित कर दिया। कोर्ट ने कहा था कि सेना के नियमों में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है।
सेवानिवृत्त जनरल राहिल शरीफ की जगह आए थे बाजवा
29 नवंबर, 2016 को बाजवा ने सेवानिवृत्त जनरल राहिल शरीफ का स्थान लिया था। बाजवा के नाम पर पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने मुहर लगाई थी। कश्मीर मुद्दों के खास तौर पर भारत से लगी नियंत्रण रेखा का बाजवा को लंबा अनुभव है। बाजवा पाकिस्तान सेना मुख्यालय जीएचक्यू में जिस पद आसीन थे उसी पद पर राहील शरीफ भी थे। इस सीट से पाकिस्तान सेना की सबसे बड़ी विंग 10 कॉपर्स को कंट्रोल किया जाता है। इसकी जिम्मेदारी एलओसी की सुरक्षा है।
इमरान ने जनरल कियानी को एक्सटेंशन दिए जाने का किया था विरोध
इसके पहले जनरल बाजवा को तीन वर्षों का एक्सटेंशन देने वाले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान जनरल अशफाक परवेज कियानी को एक्सटेंशन दिए जाने की पुरजोर खिलाफत कर चुके हैं। उन्होंने कहा था कि अगर हम किसी को बढ़ावा देते हैं तो हम अपने कानून की खिलाफत करते हैं और उसे कमजोर करते हैं। उस वक्त इमरान की दलील थी कि जंग के अंदर भी प्रथम विश्व युद्ध और दूसरे विश्व युद्ध के दौरान भी किसी को एक्सटेंशन नहीं दिया गया। कानून तोड़कर आप संस्थानों को नष्ट करते हैं जैसा कि जनरल मुशर्रफ ने किया था। अब वो ही इमरान कमर बाजवा का कार्यकाल बढ़ाए जाने के लिए गणित बिठा रहे हैं।