पाक ने जाधव को काउंसलर एक्सेस नहीं देने का नया बहाना ढूंढ़ा, कहा- भारतीय वकील देना संभव नहीं
पाकिस्तान ने कहा है कि भारतीय नौसेना के सेवा निवृत्त अफसर कुलभूषण जाधव का प्रतिनिधित्व भारतीय वकील करे यह कानूनी तौर पर संभव ही नहीं है। पढ़ें यह रिपोर्ट...
इस्लामाबाद, पीटीआइ। पाकिस्तान ने भारतीय नौसेना के सेवा निवृत्त अफसर कुलभूषण जाधव को काउंसलर एक्सेस नहीं देने का एक नया बहाना ढूंढ लिया है। उसका कहना है कि भारतीय कैदी जाधव का प्रतिनिधित्व भारत का एक वकील करे, यह कानूनी तौर पर संभव नहीं है। पाकिस्तान विदेश कार्यालय के प्रवक्ता जाहिद हफीज चौधरी से साप्ताहिक प्रेस वार्ता में पूछा गया था कि इस्लामाबाद हाईकोर्ट में जाधव मामले में आगामी तीन सितंबर को होने वाली सुनवाई में क्या उन्हें स्थानीय वकील दिया जाएगा।
इसके जवाब में चौधरी ने कहा कि भारतीय पक्ष लगातार कोर्ट में जाधव का प्रतिनिधित्व करने के लिए एक भारतीय वकील नियुक्त करने की मांग कर रहा है लेकिन यह संभव नहीं है। भारतीय कैदी जाधव की पैरवी वही वकील कर सकता है जिसने वकालत करने का लाइसेंस पाकिस्तान में हासिल किया हो। यही व्यवस्था अन्य देशों में भी लागू होती है। वहीं भारत का कहना है कि पाकिस्तान को जाधव को बेरोकटोक राजनयिक पहुंच प्रदान करनी चाहिए।
पिछले हफ्ते विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव (Anurag Srivastava) ने बताया था कि राजनयिक चैनल के माध्यम से हम पाकिस्तान के संपर्क में हैं। हम आइसीजे के फैसले की भावना को ध्यान में रखते हुए एक स्वतंत्र एवं निष्पक्ष सुनवाई में विश्वास रखते हैं। भारत ने पाकिस्तान से कुलभूषण जाधव (Kulbhushan Jadhav) को फांसी की सजा के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दाखिल करने में भारतीय वकील की मदद मुहैया कराने को कहा है।
बता दें कि 50 वर्षीय कुलभूषण जाधव को पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत ने जासूसी के झूठे आरोप में फांसी की सजा सुनाई थी। इस एकतरफा फैसले के खिलाफ भारत ने अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में अपील की थी। साथ ही जाधव को काउंसलर एक्सिस न दिए जाने का भी विरोध किया था। ह्वेग स्थित अंतरराष्ट्रीय अदालत में अपने फैसले में साफ तौर पर कहा था कि पाकिस्तान सरकार को फांसी की सजा की समीक्षा करनी चाहिए और इसके लिए जाधव को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप काउंसलर एक्सिस भी देना होगा।