पाकिस्तान: अपराधियों के भाषणों/ इंटरव्यू के प्रसारण पर रोक, नवाज शरीफ के बयान के बाद मीडिया पर अंकुश
पाकिस्तान की मीडिया अब किसी भगोड़े या अपराधी का इंटरव्यू या भाषण प्रसरित नहीं कर सकती है क्योंकि देश की इलेक्ट्रॉनिक मीडिया रेगुलेटरी ऑथोरिटी की ओर से यह घोषणा की गई है। यह फैसला पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के एक बयान के बाद आया है।
इस्लामाबाद, आइएएनएस। पाकिस्तान में भगोड़े या अपराधी करार दिए गए शख्स के इंटरव्यू या सार्वजनिक संबोधन और किसी भाषण के प्रसारण पर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया रेगुलेटरी ऑथोरिटी (Pemra) ने रोक लगा दी है। रेगुलेटरी बॉडी की ओर से जारी बयान में इस बात की जानकारी गुरुवार को दी गई जो द एक्सप्रेस ट्रिब्यून पर उपलब्ध है। मीडिया पर लगाई गई इस रोक का फैसला पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ द्वारा 20 सितंबर को मल्टीपार्टी कॉन्फ्रेंस के दौरान दिए गए एक बयान के बाद लिया गया है।
डॉन के अनुसार, मोहम्मद अजहर सिद्दिकी ने अपराधी करार दिए गए नवाज शरीफ के भाषणों के प्रसारण को लेकर शिकायत दर्ज कराई जिसके बाद Pemra ने यह कदम उठाया। ने अक्टूबर 2019 में दिए गए अपने निर्देशों का हवाला देते हुए बताया कि इसने पहले ही सभी सैटैलाइट टेलीविजन चैनल को एक कमिटी के गठन का निर्देश दिया था ताकि इलेक्ट्रॉनिक मीडिया कोड ऑफ कंडक्ट 2015 का पालन उचित तरीके से हो सके। Pemra ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा 2016 और 2019 में लिए गए फैसलों का जिक्र किया और चेताया कि उल्लंघन करने पर चैनल को धारा 29 और 30 के तहत कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा जिसके अनुसार लाइसेंस रद किया जा सकता है और जुर्माना देना होगा।
पाकिस्तानी इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के नियामक का काम Pemra करती है। ऑथोरिटी में अधिकांश लोग सरकार के ही हैं। पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के नाम का जिक्र करते हुए जारी आदेश में कहा गया कि भगोड़े और घोषित अपराधी के भाषण को प्रसारित करने के लिए कई चैनलों के खिलाफ शिकायत मिली है। भगोड़े और घोषित अपराधियों के भाषण, साक्षात्कार और जन सभा का प्रसारण और पुन: प्रसारण करने पर रोक है। पाकिस्तान की इमरान खान सरकार ने नवाज शरीफ की गिरफ्तारी के लिए हाल में ही लंदन वांरट भेजा था। इसके बाद पूर्व प्रधानमंत्री के छोटे भाई और विपक्ष के नेता शहबाज शरीफ को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार कर लिया गया।