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पाकिस्तान ने कुलभूषण जाधव को दिया काउंसलर एक्सेस, भारतीय विदेश मंत्रालय ने भी जारी किया बयान

पाकिस्तान ने भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को काउंसलर एक्सेस देने के लिए मंजूरी दे दी है। जाधव को कल काउंसलर एक्सेस दिया जाएगा।

By Ayushi TyagiEdited By: Published: Thu, 01 Aug 2019 03:21 PM (IST)Updated: Thu, 01 Aug 2019 04:30 PM (IST)
पाकिस्तान ने कुलभूषण जाधव को दिया काउंसलर एक्सेस, भारतीय विदेश मंत्रालय ने भी जारी किया बयान
पाकिस्तान ने कुलभूषण जाधव को दिया काउंसलर एक्सेस, भारतीय विदेश मंत्रालय ने भी जारी किया बयान

इस्लामाबाद, एजेंसी। पाकिस्तान की जेल में बंद भारतीय कुलभूषण जाधव को पाकिस्तान काउंसलर एक्सेस देने के लिए तैयार हो गया है। पाकिस्तानी मीडिया के अनुसार कुलभूषण जाधव को शुक्रवार को काउंसलर एक्सेस दिया जाएगा जिसके तहत जाधव भारतीय राजनयिक से मिल सकता है। ICJ के फैसले के बाद पाकिस्तान जाधव को काउंसलर एक्सेस देने के लिए तैयार हुआ है। अभी तक पाकिस्तान ऐसा करने से मना करता रहा है।

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पाकिस्तान के इस फैसले पर भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि पाकिस्तान ने कुलभूषण जाधव को काउंसलर एक्सेस देने की पेशकश की है। हमें पाकिस्तान का यह प्रस्ताव मिला है। हम आईसीजे के फैसले और उसकी गाइडलाइन के आधार में प्रस्ताव का मूल्यांकन कर रहे हैं। इस पर जो भी जवाब देना है हम हम राजनयिक के माध्यम पाकिस्तान को दें देंगे।

 

बता दें कि पूर्व भारतीय नौसैनिक और कारोबारी 49 वर्षीय कुलभूषण जाधव को पाकिस्तानी सैन्य अदालत ने फांसी की सजा सुनाई है जिसकी अंतरराष्ट्रीय अदालत (आइसीजे) ने समीक्षा करने को कहा है। साथ ही जाधव को विएना कंवेंशन के तहत काउंसलर एक्सेस भी देने का निर्देश दिया गया था।

2017 में पहली बार भारत ने आईसीजे में उठाया था मामला 
8 मई 2017 को पहली बार भारत ने इस मामले में अंतरराष्‍ट्रीय कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। उस वक्‍त भारत की प्राथमिकता जाधव को मिली फांसी की सजा का स्‍थगन थी। भारत इसमें कामयाब भी रहा और 18 मई 2017 को अंतरराष्‍ट्रीय कोर्ट ने कुलभूषण जाधव (Kulbhushan Jadhav) की सजा के स्‍थगन का आदेश दिया था। इस आदेश में यहां तक कहा गया था कि जब तक आईसीजे इस संबंध में अपना फैसला न सुना दे तब तक पाकिस्‍तान सैन्‍य अदालत द्वारा दी गई सजा को स्‍थगित किया जाए।

क्या है काउंसलर एक्सेस 
VCCR (Vienna Convention on Consular Relations) के आर्टिकल 36 (1) (बी) के तहत अगर किसी देश (A) के नागरिक को किसी दूसरे देश (B) में गिरफ्तार किया जाता है, तो देश B को बिना देरी किए वीसीसीआर के अधिकारों के तहत उस देश A को जानकारी देनी होगी। जिसमें देश A के अधिकारियों को जानकारी देना और उनसे मदद लेना शामिल है। साथ ही देश B को देश A के दूतावास या उच्चायोग को ये जानकारी देना जरूरी है कि उन्होंने उसके देश के नागरिक को गिरफ्तार किया है।  

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