अफगानिस्तान के हालात पर नजर बनाए है पाकिस्तान, राजनीतिक समझौते के लिए कर रहा प्रयास
पाकिस्तानी विदेश कार्यालय के प्रवक्ता जाहिद हफीज चौधरी ने अफगानिस्तान की वर्तमान स्थिति के बाबत एक बयान जारी किया। उन्होंने कहा पाकिस्तान अफगानिस्तान में उभरते हालात पर नजर बनाए हुए है। पाकिस्तान राजनीतिक समझौते के प्रयासों का समर्थन करना जारी रखेगा।
इस्लामाबाद, प्रेट्र। पाकिस्तान ने कहा है कि वह अफगानिस्तान में उभरते हुए हालात पर नजर बनाए हुए है और राजनीतिक समझौते के लिए प्रयास कर रहा है।
पाकिस्तानी विदेश कार्यालय के प्रवक्ता जाहिद हफीज चौधरी ने अफगानिस्तान की वर्तमान स्थिति के बाबत एक बयान जारी किया। उन्होंने कहा, 'पाकिस्तान, अफगानिस्तान में उभरते हालात पर नजर बनाए हुए है। पाकिस्तान राजनीतिक समझौते के प्रयासों का समर्थन करना जारी रखेगा। हमें उम्मीद है कि अफगान पक्ष इस आंतरिक राजनीतिक संकट से उबरने के लिए साथ मिलकर काम करेंगे।'
चौधरी ने कहा कि काबुल में पाकिस्तानी दूतावास पाकिस्तानियों, अफगान नागरिकों और राजनयिक सहायता के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय को आवश्यक सहायता मुहैया करा रहा है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय एयरलाइन की उड़ानों की भी मदद की जा रही है। राजनयिक कíमयों, संयुक्त राष्ट्र की एजेंसियों, अंतरराष्ट्रीय संगठनों, मीडिया तथा अन्य को वीजा दिलवाने के लिए गृह मंत्रालय में एक विशेष अंतर-मंत्रालयी प्रकोष्ठ का गठन किया गया है।
सैकड़ों अफगानियों की पाकिस्तानी सुरक्षाकर्मियों के साथ भिड़ंत
वहीं, दूसरी ओर पिछले दिनों बलूचिस्तान प्रांत में तालिबान द्वारा बंद की गई प्रमुख सीमा चमन को पार करने की कोशिश कर रहे सैकड़ों अफगानियों के पाकिस्तानी सुरक्षाकर्मियों के साथ भिड़ंत का मामला सामने आया था। ये सभी सीमा पार कर के अफगानिस्तान में दाखिल होना चाह रहे थे। सूत्रों के अनुसार सैकड़ों अफगान के लोग चमन सीमा को पार करने के लिए पाकिस्तान की ओर जमा हुए थे, लेकिन स्पिन बोल्डक इलाका फिलहाल तालिबान के नियंत्रण में है और वो किसी को भी सीमा पार करने की अनुमति नहीं दे रहे हैं। तालिबान अपनी कुछ मांगें पूरी कराने के लिए पाकिस्तान पर जोर बना रहा है।
अफगानिस्तान की फौज ने तालिबान के सामने किया सरेंडर
गौरतलब है कि अब अफगानिस्तान की स्थिति बदल गई है। तालिबान ने फिर अफगानिस्तान पर कब्जा जमा लिया है। तालिबान के आतंकियों ने सुबह से ही काबुल की घेराबंदी कर ली थी। बाद में जब वो काबुल में घुसे अफगानिस्तान की फौज ने सरेंडर कर दिया।