भरोसे के लायक नहीं पाकिस्तान, सिर्फ कार्रवाई का कर रहा दिखावा
पाकिस्तान ने मंगलवार को ही अंतरराष्ट्रीय दबाव में 44 आतंकियों को हिरासत में लेने का भी नाटक किया थाष पाकिस्तान पहले भी कई बार इस तरह का नाटक कर चुका है।
नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। पुलवामा टेरर अटैक (Pulwama Terror Attack) और फिर भारत की सर्जिकल स्ट्राइक के बाद चौतरफा अंतरराष्ट्रीय दबाव झेल रहा पाक सुधरने का नाम नहीं ले रहा। पाकिस्तान एक तरफ शांति राग अलाप कर दुनिया की आंखों में धूल झोंक रहा है, दूसरी तरफ उसकी सेना लगातार भारत-पाक सीमा पर सीज फायर का उल्लंघन कर युद्ध के लिए उकसा रही है। अब पिछले दो दिनों से पाकिस्तान आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई का दिखावा कर दुनिया को चकमा देने में जुट गया है।
पाकिस्तान ने मंगलवार को भी जैश-ए-मुहम्मद के सरगना मसूद अजहर के भाई समेत करीब 44 आतंकियों को हिरासत में लेने का दिखावा किया था। साथ ही पाकिस्तान ने ये भी कह दिया था कि भारत इनके खिलाफ पुख्ता सुबूत दे। वह सुबूतों की जांच करेंगे और अगर संतुष्ट हुए तो हिरासत में लिए गए संदिग्धों को गिरफ्तार किया जाएगा। अगर सुबूत उन्हें संतुष्ट करने लायक नहीं होंगे तो वह 15 दिन में हिरासत में लिए गए सभी संदिग्धों को छोड़ देगा।
बुधवार को भी पाकिस्तान ने प्रतिबंधित संगठनों जैश-ए-मुहम्मद (JeM) और जमात-उद-दावा (JuD), फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन (FIF) आदि के खिलाफ कार्रवाई जारी रखी। पाकिस्तान ने मुंबई आतंकी हमले के मास्टर माइंड हाफिज सईद के नेतृत्व वाली जमात-उद-दावा और फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन के नेतृत्व वाले कई मदरसों और अन्य संपत्तियों को अपने कब्जे में ले लिया है।
पाकिस्तान के नेशनल काउंटर टेररिज्म अथॉरिटी (National Counter Terrorism Authority-NACTA) की सूची में मंगलवार को आतंकवाद से संबंधित 70 संगठनों को प्रतिबंधित सूची में शामिल कर लिया है। इसके बाद इन संगठनों पर आतंकवाद निरोधी अधिनियम 1997 के तहत आंतरिक मंत्रालय द्वारा कार्रवाई का दिखावा किया जा रहा है। नेशनल एक्शन प्लान (NAP) के तहत मंगलवार को जमात-उद-दावा और फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन के दो मदरसों और कुछ अन्य संपत्तियों को जब्त करने का पाकिस्तान ने दावा किया है।
पाक का दावा है कि पंजाब प्रांत के चकवाल और अटॉक जिलों में सबसे बड़ी कार्रवाई की गई है। चकवाल के तलागांग एरिया में मदरसा खालिद बिन वलीद और रेलवे रोड पर मदरसा दारुस सलाम में पर भी कार्रवाई की गई है। यहां के कर्मचारियों को निगरानी में रखा गया है। पंजाब प्रांत की सरकार आतंकी संगठनों के मदरसों में मौलवी तैनात कर उन्हें अपने प्रशासनिक नियंत्रण में ले रही है। चकवाल के अलावा अटॉक जिले में भी तीन JuD और FIF की तीन संपत्तियां जब्त की गई हैं। जब्द की जा रही संपत्तियों में आतंकी संगठनों द्वारा संचालित की जा रहीं कुछ मस्जिदें भी शामिल हैं। पाकिस्तान का दावा है कि उसकी खुफिया एजेंसियों को 27 फरवरी को इन संपत्तियों के बारे में जानकारी मिली थी।
इन सभी मस्जिदों, मदरसों और संपत्तियों की जिम्मेदारी स्थानीय जिला प्रशासन को सौंपी जा रही है। अटॉक के रिहायसी क्षेत्र में मौजूद मदरसा और मस्जिद मुसाद बिन उमेर निर्माणाधीन है। इनका निर्माण करीब 1.6 एकड़ क्षेत्रफल पर किया जा रहा है। इसके निर्माण पर प्रतिमाह तकरीबन 60 हजार रुपये खर्च हो रहे हैं। अटॉक जिले के शिक्षा प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने इस निर्माणाधीन इमारत को अपनी देखरेख में लिया है।
जब्त की गई संपत्तियों में FIF की एक एंबुलेंस भी शामिल है, जिसके संचालन का खर्च प्रतिमाह 48 हजार रुपये है। इसे अटॉक के जिला आपातकालीन अधिकारी के अधीन दे दिया गया है। इसी तरह आतंकी संगठनों का एक 0.10 एकड़ का एक प्लॉट और एक अन्य कार भी जब्त की गई है, जिस पर इस्लामाबाद का नंबर है। रावलपिंडी के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने न्यूज एजेंसी पीटीआई को बताया कि सरकार ने उन्हें आतंकी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई करने के कोई स्पष्ट निर्देश नहीं दिए हैं। संगठनों के खिलाफ हो रही कार्रवाई अन्य सुरक्षा एजेंसियों द्वारा की जा रही है। ये एजेंसियां 2017 से JuD और FIF पर नजर रख रहीं थीं।
पाकिस्तान सरकार का दावा है कि JuD के नेटवर्क में 300 मदरसे और स्कूल, अस्पताल, पब्लिशिंग हाउस और एंबुलेंस सेवाएं हैं। JuD और FIF संगठनों के कुल मिलाकर लगभग 50 हजार कार्यकर्ता और 100 से ज्यादा वेतनभोगी कर्मचारी हैं। मालूम हो कि JuD को लश्कर-ए-तैयबा (LeT) का ही हिस्सा माना जाता है। इसी संगठन ने मुंबई पर आतंकी हमला कर 166 लोगों की जान ली थी। अमेरिका ने जून 2014 में इस संगठन को आतंकी संगठन घोषित किया था। इसका मुखिया सईद अमेरिका द्वारा वैश्विक आतंकी घोषित किया जा चुका है। अमेरिका ने वर्ष 2012 से उस पर 10 मिलियन डॉलर का ईनाम भी घोषित कर रखा है।
मुंबई हमले के बाद किया था दिखावा
इमरान खान सरकार की तरफ से पहली बार आतंकियों के खिलाफ की गई इस बड़ी कार्रवाई पर भारत की पैनी नजर है लेकिन वह इससे तभी संतुष्ट होगा जब इनके खिलाफ एफआइआर हो और उन्हें सजा दिलाने की प्रक्रिया चालू हो। अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ने पर पाकिस्तान पहले ही इस तरह का कदम उठाता रहा है लेकिन उसके बाद ठोस कार्रवाई नहीं होती। मुंबई हमले के बाद भी पाकिस्तान ने जकी उर रहमान लखवी समेत कई लोगों को गिरफ्तार किया था, लेकिन उसके खिलाफ भारत की तरफ से तमाम सबूत देने के बावजूद कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई थी। कोर्ट ने उसकी रिहाई का भी आदेश दे दिया है।
तीन बार नजरबंद हो चुका है सईद
हाफिज सईद को अभी तक तीन बार नजरबंद जा चुका है लेकिन अभी भी वह खुलेआम भारत के खिलाफ जिहाद का ऐलान करता है। इसी तरह से पठानकोट हमले की जांच के लिए विशेष टीम बनाई गई लेकिन उसका भी कोई खास असर नहीं रहा। मौलाना मसूद अजहर व उसके भाइयों को नजरबंद कुछ दिनों के लिए किया गया और फिर छोड़ दिया गया। भारतीय संसद पर हमले के बाद वर्ष 2001 में पहली बार जैश को प्रतिबंधित किया था, लेकिन उसके बाद से जैश और बेखौफ होता गया।