पाकिस्तान: मकान मालिकों का वकील बोला, सरकार न खरीदे दिलीप कुमार का पैतृक मकान
खैबरपख्तूनख्वा की प्रांतीय सरकार दोनों दिग्गज अभिनेताओं के मकान को खरीद कर संग्रहालय बनाना चाहती है लेकिन मकान मालिकों के वकील ने प्रांतीय खैबर पख्तूनख्वा सरकार को 100 साल से अधिक पुरानी यह हवेली नहीं खरीदने की सलाह दी है।
पेशावर, प्रेट्र। भारतीय फिल्म अभिनेता दिलीप कुमार के पेशावर स्थित पैतृक मकान के मालिकों के वकील ने प्रांतीय खैबर पख्तूनख्वा सरकार को 100 साल से अधिक पुरानी यह हवेली नहीं खरीदने की सलाह दी है क्योंकि वह जीर्ण-शीर्ण स्थिति में है और उसकी खरीद में काफी राशि खर्च होगी। बता दें कि प्रांतीय सरकार ने दिलीप कुमार के घर को खरीदने के लिए 80.56 लाख रुपये जारी किए हैं।
इस महीने के शुरू में खैबर पख्तूनख्वा सरकार ने दिलीप कुमार के पैतृक मकान के लिए धनराशि मंजूर की थी, जिसका उद्देश्य फिल्म अभिनेता के सम्मान में उसे संग्रहालय में बदलना था। भवन के वर्तमान मालिकों के वकील गुल रहमान मुहम्मद ने मंगलवार को एक निजी समाचार चैनल के साथ बातचीत में कहा कि हवेली वर्षो की उपेक्षा के कारण बेहद जर्जर हालत में है। भवन के पुनर्निर्माण की लागत उसे प्राप्त करने की लागत से दोगुनी होगी। अगर खैबर पख्तूनख्वा सरकार इसके बावजूद भी इसे खरीदने में दिलचस्पी रखती है तो उसे बाजार दर पर ऐसा करना चाहिए जो लगभग 35 करोड़ रुपये है।
दिलीप कुमार के घर के मालिक हाजी लाल मुहम्मद का कहना है कि उन्होंने 2005 में 51 लाख रुपये में यह मकान खरीदा था और 16 साल बाद इसकी कीमत 80.56 लाख रुपये तय करना अन्याय है। हाजी लाल ने कहा कि मोहल्ला खुदादाद कुइसा ख्वानी बाजार में संपत्ति बहुत महंगी है। यहां एक मरला जमीन की कीमत पांच करोड़ से ज्यादा है। ऐसे में चार मरला के ऊपर बने घर को 80 लाख रुपये में कैसे बेचा जा सकता है।