इमरान को सता रहा सिंध के अलग होने का खतरा, कराची को अपने नियंत्रण में लेने की योजना
Separate nation for Sindhis पाकिस्तान की इमरान खान सरकार संविधान के अनुच्छेद 149 (4) के तहत कराची का प्रशासनिक प्रभार अपने हाथ में लेने की योजना बना रही है।
इस्लामाबाद, एएनआइ। पाकिस्तान में अब लोगों ने इमरान खान की सरकार के खिलाफ आवाजें बुलंद करनी शुरू कर दी है। पहले से ही पीओके और बलूचिस्तान में आजादी के नारों से पाकिस्तानी हुक्मरानों का दम फूल रहा था अब सिंध को अलग राष्ट्र बनाने की मांग जोर पकड़ने लगी है। इससे पाकिस्तानी सेना और इमरान खान की सरकार को यह डर सताने लगा है कि कहीं सिंध भी उनके हाथ से निकल न जाए। यही वजह है कि पाकिस्तान की इमरान खान सरकार संविधान के अनुच्छेद 149 (4) के तहत कराची का प्रशासनिक प्रभार अपने हाथ में लेने की योजना बना रही है।
पाकिस्तान में इन दिनों ट्विटर पर #SindhRejectsKarachiCommittee और #UnitedSindhUnitedPakistan कीवर्ड ट्रेंड कर रहे हैं। लोग सोशल मीडिया के जरिए अगल सिंध राज्य की मांग कर रहे हैं। सिंध को लेकर पाकिस्तान की खुफिया एजेंसियों ने आगाह किया है। एजेंसियों की रिपोर्ट के बाद पाकिस्तान की सरकार कराची में अनुच्छेद-149 को लागू करना चाहती है। ऐसी रिपोर्टें सामने आने के बाद आम लोगों के साथ साथ, राजनेता, लेखक और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने अनुच्छेद 149 को लागू करने की संघीय सरकार की योजना की निंदा की है।
दरअसल, पाकिस्तान के कानून मंत्री फिरोज नसीम (Farogh Naseem) ने बयान दिया था कि इमरान खान सरकार कराची का प्रशासनिक प्रभार एक संविधानिक प्रावधान के जरिए अपने हाथ में लेना चाहती है। इसी के बाद से पाकिस्तान में अटकलों का बाजार गर्म हो गया और लोगों ने ट्विटर पर सरकार की जमकर आलोचना की। पाकिस्तानी अखबार डॉन ने नसीम के बयान का उल्लेख किया है। नसीम के मुताबिक, कैबिनेट की मंजूरी मिलने के बाद सिंध के प्रशासनिक नियंत्रण की कवायद शुरू होगी।
नसीम ने कहा कि प्रांतीय सरकार सरकार के इस कदम पर यदि कोई आपत्ति करती है तो केंद्र इस संबंध में निर्देश लेने के लिए संविधान के अनुच्छेद 184 (1) के तहत सुप्रीम कोर्ट का रुख करेगा। इस बयान के आने के बाद विपक्ष ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी ने कहा कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जो कदम उठाया है, पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ठीक वैसा ही कदम उठाने जा रहे हैं जो असंवैधानिक है। वहीं ट्विटर पर लोग इसे महत्वपूर्ण मसलों से ध्यान भटकाने की कोशिश बता रहे हैं।