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पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी की तबियत बिगड़ी, अस्पताल में कराए गए भर्ती

पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति एवं पीपीपी के सह-अध्यक्ष आसिफ अली जरदारी को तबियत बिगड़ने पर कराची के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी ने बताया कि डॉक्‍टर जरदारी की जरूरी जांच कर रहे हैं।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Mon, 12 Oct 2020 05:02 PM (IST)Updated: Mon, 12 Oct 2020 05:02 PM (IST)
पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी की तबियत बिगड़ी, अस्पताल में कराए गए भर्ती
आसिफ अली जरदारी को तबियत बिगड़ने पर कराची के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

इस्‍लामाबाद, पीटीआइ। पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति एवं पीपीपी के सह-अध्यक्ष आसिफ अली जरदारी (Asif Ali Zardari) को तबियत बिगड़ने पर कराची के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (Pakistan Peoples Party, PPP) ने रविवार को ट्वीट कर यह जानकारी दी। पार्टी ने कहा कि डॉक्‍टर आसिफ अली जरदारी (Asif Ali Zardari) की जरूरी जांच कर रहे हैं। हालांकि पार्टी की ओर से इस बारे में कोई विस्‍तृत जानकारी नहीं दी गई है।

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पार्टी ने कहा कि रविवार की शाम जरदारी को तकलीफ महसूस हुई जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पूर्व राष्ट्रपति के लंबे समय तक सहयोगी रहे डॉ. आसिम हुसैन (Dr Asim Hussain) ने कि जरदारी को कम शर्करा स्तर के कारण अस्पताल लाया गया है। पाकिस्‍तानी अखबार 'द एक्सप्रेस ट्रिब्यून' की रिपोर्ट के मुताबिक, जरदारी को कराची में निजी अस्पताल के आपातकालीन वार्ड में भर्ती कराया गया है। वह पहले से दिल की बीमारी से जूझ रहे हैं।

फि‍लहाल यह जानकारी सामने नहीं आई है कि जरदारी को किस अस्पताल में भर्ती कराया गया है। भ्रष्टाचार के कई मामलों का सामना कर रहे जरदारी को इस्लामाबाद हाई कोर्ट (Islamabad High Court) ने चिकित्सीय आधार पर जमानत दे दी थी जिसके बाद पिछले साल दिसंबर में वह जेल से रिहा हुए थे। साल 2018 में सामने आए बड़े धनशोधन घोटाले में जरदारी कई भ्रष्टाचार के मामलों का सामना कर रहे हैं।

इस महीने की शुरुआत में पाकिस्तान की भ्रष्टाचार निरोधी अदालत ने पूर्व राष्ट्रपति जरदारी (Asif Ali Zardari) को पार्क लेन और थाटा जलापूर्ति मामले में दोषी ठहराया था। कोर्ट ने पार्क लेन मामले में 19 अन्य और थाटा जलापूर्ति मामले में 15 अन्य को भी दोषी ठहराया था। इससे पहले इस्लामाबाद की जवाबदेही अदालत ने जरदारी और उनकी बहन फरयाल तालपुर को मनी लाड्रिंग मामले में आरोपित किया था। जरदारी की पार्टी ने इसे विपक्षी नेताओं को अपराधी करार देने की सरकार की साजिश बताया है।  


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