'मीडिया को चुप रहने के लिए बाध्य किया गया', इमरान खान का दावा, कहा- पत्रकारों का दमन हुआ
Pakistan जेल में बंद पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने मंगलवार को दावा किया कि पिछले दो वर्ष में सरकार ने मीडिया को चुप रहने के लिए बाध्य कर दिया और असहमति जताने वाले पत्रकारों को दमन का सामना करना पड़ रहा है। पंजाब सरकार द्वारा मानहानि कानून पेश करने के कुछ दिनों बाद बाद इमरान ने अपने एक्स अकाउंट पर इसे पोस्ट किया।
पीटीआई, लाहौर। जेल में बंद पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने मंगलवार को दावा किया कि पिछले दो वर्ष में सरकार ने मीडिया को चुप रहने के लिए बाध्य कर दिया और असहमति जताने वाले पत्रकारों को दमन का सामना करना पड़ रहा है।
मरयम नवाज की अगुआई वाली पंजाब सरकार द्वारा मानहानि कानून पेश करने के कुछ दिनों बाद बाद इमरान ने अपने एक्स अकाउंट पर इसे पोस्ट किया। पंजाब सरकार द्वारा पेश कानून मानहानि से जुड़ा एक विवादास्पद कानून है। इसके तहत फर्जी खबरों के नाम पर प्रेस की स्वतंत्रता पर कठोर प्रतिबंध लगाया जाएगा।
माहौल बदलने का किया था प्रयास
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के संस्थापक ने कहा कि स्वतंत्र मीडिया राज्य के सबसे महत्वपूर्ण स्तंभों में से एक है। यह निगरानी संस्था की तरह काम करता है और सरकार को अपना मार्ग सुधारने के लिए बाध्य करता है। हमारी सरकार ने पत्रकारों की सुरक्षा और मीडिया कानून लाकर वातावरण बदलने का प्रयत्न किया था, लेकिन अविश्वास प्रस्ताव के बाद सबकुछ बदल गया।
उमर अयूब की जमानत अर्जी खारिज
पीटीआई महासचिव उमर अयूब की नौ मई दंगा मामले में जमानत अर्जी खारिज कर दी गई। पुलिस ने सोमवार को सरगोधा की विशेष आतंकवाद विरोधी कोर्ट में उन्हें उपस्थित नहीं होने दिया।