Economic Crisis: पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था और बिगड़ी, मूडी और फिच के बाद एस एंड पी ग्लोबल ने खराब बताई स्थिति
पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति बिगड़ती जा रही है और वहां कभी भी श्रीलंका वाली स्थिति पैदा हो सकती है। यह संकेत आर्थिक स्वास्थ्य का निर्धारण करने वाली वैश्विक एजेंसियों ने दे दिया है। पहले मूडी फिर फिच और अब एस एंड पी ग्लोबल ने पाकिस्तान की रेटिंग घटा दी है।
इस्लामाबाद, एजेंसियां: पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति बिगड़ती जा रही है और वहां कभी भी श्रीलंका वाली स्थिति पैदा हो सकती है। यह संकेत आर्थिक स्वास्थ्य का निर्धारण करने वाली वैश्विक एजेंसियों ने दे दिया है। पहले मूडी, फिर फिच और अब एस एंड पी ग्लोबल ने पाकिस्तान की लंबे समय के लिए रेटिंग घटाकर स्थिर से नकारात्मक कर दी है।
आर्थिक संकट के दौर में पाकिस्तान
आर्थिक क्षेत्र में पाकिस्तान पिछले कई वर्षों से मुश्किल का सामना कर रहा है। आवश्यक वस्तुओं की लगातार बढ़ रही कीमतें, डालर की तुलना में मुद्रा की भारी गिरावट और बढ़ते कर्ज के बोझ ने पाकिस्तान की हालत खराब कर दी है। खराब होती आर्थिक स्थिति के कारण ही अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आइएमएफ) स्वीकृत ऋण की निकासी नहीं कर रहा है। ऋण के लिए सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा को अमेरिका से आग्रह करना पड़ा है।
विश्व के शीर्ष देशों ने पाकिस्तान से मुंह फेरा
सऊदी अरब, यूएई और चीन से कर्ज मिलना बंद होने के बाद पाकिस्तान को यह रास्ता अपनाना पड़ा है। इसी के चलते प्रतिष्ठित क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों ने उन बिंदुओं को सार्वजनिक किया है कि जिनके चलते पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था गर्त में चली गई है। बताया है कि पाकिस्तान का वित्त मंत्रालय वे कदम नहीं उठा पा रहा है जिससे देश की गिरती अर्थव्यवस्था में रुकावट आ सके। कहा है कि वित्त मंत्रालय अगर कड़े कदम उठाए तो देश की अर्थव्यवस्था पटरी पर आ सकती है और उसकी रेटिंग में भी सुधार हो सकता है।
अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए करने होंगे भारी प्रयास
गौरतलब है कि पाकिस्तान को तत्काल अवधि में अपनी अर्थव्यवस्था को स्थिरता देने के लिए सहायता की आवश्यकता है। वर्तमान में जो स्थिति है, वह पाकिस्तान के लिए निवेशकों के विश्वास को पुनर्जीवित करने के लिए एक दूरगामी लक्ष्य की तरह लगता है। अपनी डाउनग्रेड रेटिंग को उलटने के लिए, देश को भारी प्रयास करने होंगे। हालांकि, इससे पहले कि वे बेहतर होना शुरू करें, चीजें अभी और भी खराब हो सकती हैं। इस सब के बीच मुद्रास्फीति 20 प्रतिशत से ऊपर रहने की आशंका है।