68 साल में पहली बार माइनस में पाक की विकास दर, विश्व बैंक से फिर कर्ज लेने की तैयारी
पाकिस्तान में 68 साल में ऐसा पहली बार हुआ है जब अर्थव्यवस्था की विकास दर माइनस में पहुंच गई है। इससे उबरने के लिए पाकिस्तान फिर से कर्ज लेने की तैयारी कर रहा है।
इस्लामाबाद, एजेंसियां। अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर फेल हो चुकी इमरान खान की सरकार के लिए एक और बुरी खबर है। पाकिस्तान में 68 साल में ऐसा पहली बार हुआ है जब अर्थव्यवस्था की विकास दर माइनस में पहुंच गई है। पाकिस्तानी अखबार 'द एक्सप्रेस ट्रिब्यून' की रिपोर्ट के मुताबिक, मौजूदा वित्तीय वर्ष में पाकिस्तान की आर्थिक विकास की दर माइनस 0.38 फीसदी रही है। इस बीच देश की दरकती अर्थव्यवस्था को थामने के लिए इमरान खान की सरकार ने फिर भारी भरकम कर्ज लेने की योजना बनाई है।
समाचार एजेंसी पीटीआइ के मुताबिक, संकट में फंसी पाकिस्तान सरकार ने दो अरब डॉलर का कर्ज लेने के लिए एकबार फिर विश्व बैंक (World Bank) और एशियन विकास बैंक (Asian Development Bank, ADB) का दरवाजा खटखटाने का मन बनाया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान ने विश्व बैंक और एशियाई विकास बैंक से जो कर्ज लेना चाहा है... वह 1.8 अरब अमेरिकी डॉलर के कर्ज से अधिक है जो उसने जी-20 देशों से मांगा है। उक्त नया कर्ज 30.5 लाख डॉलर के उस लोन से अलग है जिस पर इमरान सरकार और एडीबी के बीच हाल ही में रजामंदी बनी थी।
वहीं नेशनल अकाउंट्स कमेटी की बैठक में जानकारी दी गई है कि कोरोना के चलते लगाए गए लॉकडाउन और फसलों पर टिड्डी दलों के हमले ने पाकिस्तानी अर्थव्यवस्था को तगड़ा नुकसान पहुंचाया है। आलम यह है कि 68 साल में पहली बार पाकिस्तानी इकॉनमी ग्रोथ रेट माइनस में चली गई है। आंकड़ों पर नजर डालें तो पाते हैं कि इससे पहले साल 1952 में कुछ समय के लिए ऐसी नौबत आई थी। यही नहीं यदि डालर में प्रति व्यक्ति आमदनी की बात करें तो इसमें भी 6.1 फीसद की गिरावट दर्ज की गई है।
इन सबके बीच पाकिस्तान में प्रशासनिक भ्रष्टाचार की भी शिकायतें सामने आ रही हैं। हाल ही में बिजली की बढ़ती लागत के कारणों का पता लगाने के इमरान खान की सरकार ने चीन-पाकिस्तान इकॉनमिक कोरिडोर (CPEC) के तहत 630 मिलियन डॉलर (करीब 4770 करोड़ रुपये) से अधिक की बिजली परियोजनाओं के घोटाले का खुलासा किया है। रिपोर्टों में कहा गया है कि इस भ्रष्टाचार के चलते ही पाकिस्तान का कर्ज 11 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया है। इससे पहले पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना की रोकथाम के परिप्रेक्ष्य में चलाए जा रहे कार्यक्रर्मों पर हो रहे खर्च पर सवाल उठाए थे।