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..तो हाफिज को आतंकी करार देने के पीछे पाकिस्तान की ये है गहरी चाल

एक तरफ जहां पाकिस्‍तान ने हाफिज सईद के संगठन जमात-उद-दावा को आतंकी संगठन घोषित कर दिया तो दूसरी तरफ अमेरिका ने पाकिस्‍तान के लिए अपना खजाना खोल दिया।

By Srishti VermaEdited By: Published: Wed, 14 Feb 2018 10:19 AM (IST)Updated: Wed, 14 Feb 2018 04:18 PM (IST)
..तो हाफिज को आतंकी करार देने के पीछे पाकिस्तान की ये है गहरी चाल

इस्लामाबाद (जेएनएन)। पाकिस्‍तान के राष्‍ट्रपति ममनून हुसैन ने पिछले शुक्रवार को गुपचुप तरीके से आतंक रोधी कानून 1997 में संशोधन के लिए एक अध्‍यादेश पर हस्‍ताक्षर कर दिया है। जिसके बाद जमात-उद-दावा आतंकी संगठन करार दे दिया गया। इस बिल का उद्देश्‍य यूनाइटेड नेशंस सिक्‍योरिटी काउंसिल (यूएनएससी) की ओर से प्रतिबंधित आतंकी संगठनों जैसे लश्‍कर-ए-तैयबा, अल-कायदा और तालिबान जैसे संगठनों पर भी लगाम लगाना है।

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बता दें कि, अब तक यूएन की पाबंदियों के बावजूद जमात-उद-दावा और फलाह-ए-इंसानियत जैसे हाफिज सईद के संगठन पाकिस्तान में धड़ल्ले से अपना काम कर रहे थे, लेकिन नए संशोधन पर राष्ट्रपति ममनून हुसैन के दस्तखत के बाद अब इन आतंकी संगठनों पर कार्रवाई हो सकेगी।

ट्रंप ने बजट में पेश किया पाकिस्‍तान को मदद

अमेरिका ने पाकिस्‍तान को 33.6 करोड़ डॉलर मदद का प्रस्‍ताव पेश किया है। यह प्रस्‍ताव अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप ने 4 लाख करोड़ डॉलर का सालाना बजट के दौरान पेश किया। इसमें से 25.6 करोड़ डॉलर नागरिक और 8 करोड़ डॉलर सैन्‍य मदद के तौर पर दिए जाने का प्रस्‍ताव शामिल है। कुछ समय पहले अमेरिका ने पाकिस्‍तान को आतंकियों की पनाहगाह बताते हुए 200 करोड़ डॉलर की वित्‍तीय सहायता रोक दी थी।

इन सबको देखते हुए इस पर विचार किया जा सकता है कि एक तरफ जहां पाकिस्‍तान ने हाफिज सईद के संगठन जमात-उद-दावा को आतंकी संगठन घोषित कर दिया तो दूसरी तरफ अमेरिका ने पाकिस्‍तान के लिए अपना खजाना खोल दिया। तो क्‍या ये कहा जा सकता है कि, पाकिस्तान ने यह सब नाटक अमेरिकी मदद पाने के लिए लिए खेला है। 

2008 में UN ने हाफिज को किया आतंकी घोषित

बता दें कि दिसंबर 2008 में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के स्वीकृत प्रस्ताव 1267 में हाफिज सईद को सूचीबद्ध किया गया था। पाक ने इस अध्‍यादेश के बारे में सोमवार को सार्वजनिक तौर पर घोषणा की। हालांकि अगर यह अध्यादेश कानून का रूप नहीं लेता है तो समय सीमा खत्म होने के बाद जमात-उद-दावा पर से प्रतिबंध अपने आप हट जाएगा।

डॉन में छपी खबर के अनुसार, इस अध्यादेश के तहत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) द्वारा प्रतिबंधित व्यक्तियों और संगठनों को प्रतिबंधित कर दिया गया। इस सूची में जमात-उद-दावा (जेयूडी) व तालिबान जैसे कई संगठन शामिल है। इससे पहले पाकिस्तान ने साल 2005 में यूएनएससी प्रस्ताव 1267 के तहत लश्कर-ए-तैयबा को एक प्रतिबंधित संगठन घोषित किया था।

अब तक पाकिस्तान ने लगा रखे थे छोटे-मोटे प्रतिबंध

अब तक पाकिस्तान जमात उद दावा जैसे संगठनों को बस आतंकी सूची में रखकर काम चला रहा था। कभी प्रतिबंध की बात करता था तो कभी उस पर आर्थिक तौर पर चंदा न लेने के लिए प्रतिबंध की बात करता था। लेकिन राष्‍ट्रपति द्वारा अध्‍यादेश पर हस्‍ताक्षर के बाद जमात उद दावा घोषित तौर पर आतंकी संगठन हो गया है।


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