तालिबान पर अमेरिका को पाक ने किया आगाह, भुगतना पड़ सकता है खामियाजा
तालिबान संबंधित नई अमेरिकी नीति पर पाक ने वाशिंगटन को सतर्क करते हुए कहा है कि रणनीति असफल हो जाने पर नकारात्मक परिणाम भुगतना पड़ेगा।
वाशिंगटन (जेएनएन)। ट्रंप प्रशासन के कैबिनेट स्तर के दो अधिकारियों ने हाल ही में पाकिस्तान का दौरा किया और इस दौरान अफगान को लेकर अपनी नई रणनीति पर चर्चा के अलावा आतंकवाद को जड़ से खत्म करने को लेकर विचार विमर्श किया। इसी क्रम में पाकिस्तान ने अमेरिकी वार्ताकारों को आगाह करते हुए चिंता जाहिर की कि अफगान सीमा के दोनों ओर से तालिबान के खिलाफ सैन्य हमले के असफल होने का खामियाजा पूरे क्षेत्र को भुगतान पड़ेगा।
हालांकि पाकिस्तान ने कहा कि अमेरिका की इस लक्ष्य से वह कतई असहमत नहीं है लेकिन असल चिंता का कारण यह है कि यदि यह रणनीति असफल हो गई तब परिणाम क्या होंगे? इस मामले पर अमेरिका के रक्षा मंत्री जेम्स मैटिस ने बताया, ‘दक्षिण एशिया की रणनीति पर हम पाकिस्तान के साथ काम कर रहे हैं।‘
प्रांत में अमेरिका के आतंक रोधी प्रयासों को स्थानीय नागरिकों के समर्थन को लेकर सवाल पूछे जाने पर मैटिस ने विश्वास जताते हुए ‘हां’ में जवाब दिया। उन्होंने आगे कहा, पाकिस्तान इस काम में सक्षम है जो हम साथ मिलकर करने का प्रयास कर रहे हैं।
ट्रंप प्रशासन के दो कैबिनेट स्तर के अधिकारी- मैटिस व रेक्स टिलरसन ने आर्मी चीफ जनरल कमर जावेद बाजवा समेत अन्य नेताओं के साथ इस रणनीति के बारे में चर्चा के लिए हाल ही में पाकिस्तान का दौरा किया था।
अफगान रणनीति के संभावित प्रभाव के बारे में मैटिस ने कहा, 'इस बारे में सभी पहलुओं को रणनीति में शामिल किया गया है।' मैटिस का यह बयान वाशिंगटन की राजनीति में हमेशा से कही गयी उस बात को बल प्रदान करता है जिसमें कहा जाता रहा है कि राष्ट्रपति ट्रंप एक ऐसे अमेरिकी नेता के तौर पर यादगार बनना चाहते हैं जिसने अफगान युद्ध पर जीत हासिल की और इसे वे अपने पहले कार्यकाल में करना चाहते हैं ताकि दूसरे कार्यकाल के लिए जीत सुनिश्चित की जा सके। इस मामले पर अमेरिकी वार्ताकारों के साथ चर्चा करने वाले पाकिस्तानी अधिकारियों ने कहा कि उनका भी यही लक्ष्य है। इनका कहना है कि किसी अन्य देश की तुलना में पाकिस्तान सबसे अधिक आतंकवाद से पीड़ित रहा है।
हालांकि पाकिस्तान ने अमेरिका के आरोप को खारिज किया कि हक्कानी नेटवर्क को पाक ने सुरक्षित पनाहगाह दिया हुआ है। लेकिन तालिबान को हराने के लिए अमेरिका की योजना के प्रति पाक ने उत्सुकता दिखाई।
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