पाकिस्तान ने करतारपुर कॉरिडोर पर बनाए 80 इमीग्रेशन सेंटर, श्रद्धालुओं को मंजूरी देने की प्रक्रिया में आएगी तेजी
श्रद्धालुओं को बस के जरिये गुरुद्वारा दरबार साहिब पहुंचाया जाएगा। गुरुद्वारे में प्रवेश से पहले दोनों देशों के श्रद्धालुओं की बायोमीट्रिक जांच होगी।
लाहौर, प्रेट्र। पाकिस्तान ने करतारपुर कॉरिडोर पर 80 इमीग्रेशन सेंटर बनाए हैं। इससे बड़ी संख्या में आने वाले श्रद्धालुओं को मंजूरी देने की प्रक्रिया में तेजी आएगी। करतारपुर कॉरिडोर को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच गत 24 अक्टूबर को समझौता हुआ था। इसके तहत भारतीय श्रद्धालु बिना वीजा पाकिस्तान स्थित गुरुद्वारा दरबार साहिब जा सकेंगे।
एक्सप्रेस ट्रिब्यून अखबार के मुताबिक, रोजाना पांच हजार भारतीय श्रद्धालुओं को दरबार साहिब जाने की अनुमति होगी। सिखों के प्रथम गुरु नानक देव ने इसी स्थान पर अपने जीवन के 18 साल गुजारे थे। पाकिस्तान के गृह मंत्रालय ने भारत से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए तीन प्रवेश द्वार बनवाए हैं। संघीय जांच एजेंसी (FIA) श्रद्धालुओं की स्वीकृति सूची उनकी यात्रा से दस दिन पहले भारतीय सुरक्षा बल को सौंपेगी।
पाकिस्तानी रेंजर्स की सुरक्षा में श्रद्धालुओं को बस के जरिये गुरुद्वारा दरबार साहिब पहुंचाया जाएगा। गुरुद्वारे में प्रवेश से पहले दोनों देशों के श्रद्धालुओं की बायोमीट्रिक जांच होगी। इस यात्रा के लिए ऐसे किसी भी श्रद्धालु को अनुमति नहीं मिलेगी, जिसका नाम काली सूची में होगा।
बड़ी संख्या में अधिकारी होंगे तैनात
करतारपुर कॉरिडोर पर बनाए गए सुविधा केंद्रों के लिए बड़ी संख्या में अधिकारियों की नियुक्ति होगी। कॉरिडोर से जुड़ी जिम्मेदारियों के निर्वहन के लिए पाकिस्तान के गृह मंत्रालय ने दो सहायक निदेशक, एक उप निदेशक के अलावा 169 इंस्पेक्टर, सब इंस्पेक्टर, कांस्टेबल और महिला कांस्टेबलों की नियुक्ति की है।
श्रद्धालुओं को उसी दिन लौटना होगा
गुरुद्वारा दरबार साहिब भारतीय सीमा से महज चार किलोमीटर दूर पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के नरोवाल जिले में स्थित है। यहां की यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं को उसी दिन पांच बजे तक लौटना होगा। किसी को भी गुरुद्वारे में ठहरने की इजाजत नहीं होगी।
नौ नवंबर को होगा उद्घाटन
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान नौ नवंबर को करतारपुर कॉरिडोर का औपचारिक तौर पर उद्घाटन करेंगे। गुरु नानक देव के 550वें प्रकाशोत्सव से दो दिन पहले यानी दस नवंबर से यह कॉरिडोर श्रद्धालुओं के लिए खुल जाएगा।