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FATF की आंखों में धूल झोंकने की पाक की एक और कोशिश, कोर्ट ने संपत्तियां नीलाम करने का दिया आदेश

डॉन में सूत्रों के हवाले से प्रकाशित खबर के मुताबिक पाकिस्तान की आतंकरोधी अदालत ने मंसूर की 3.2 करोड़ रुपये मूल्य की कराची स्थित पांच संपत्तियों का अधिग्रहण कर लिया है।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Sat, 09 May 2020 06:31 PM (IST)Updated: Sat, 09 May 2020 06:31 PM (IST)
FATF की आंखों में धूल झोंकने की पाक की एक और कोशिश, कोर्ट ने संपत्तियां नीलाम करने का दिया आदेश
FATF की आंखों में धूल झोंकने की पाक की एक और कोशिश, कोर्ट ने संपत्तियां नीलाम करने का दिया आदेश

इस्लामाबाद, एएनआइ। पाकिस्तान की आतंकरोधी अदालत ने तालिबान के पूर्व प्रमुख मुल्ला अख्तर मंसूर की संपत्तियों को नीलाम करने का आदेश दिया है। उसे 2016 में अमेरिकी ड्रोन हमले में मार गिराया गया था। हालांकि विश्लेषकों का मानना है कि यह कदम फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की आंखों में धूल झोंकने का एक और प्रयास है। एफएटीएफ को जून में पाकिस्तान की समीक्षा करनी थी, लेकिन कोविड-19 संकट की वजह से उससे चार माह की राहत मिल गई है।

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'डॉन' में सूत्रों के हवाले से प्रकाशित खबर के मुताबिक, पाकिस्तान की आतंकरोधी अदालत ने मंसूर की 3.2 करोड़ रुपये मूल्य की कराची स्थित पांच संपत्तियों का अधिग्रहण कर लिया है। उसने इन संपत्तियों को फर्जी पहचान पत्रों के जरिये देश की खुफिया एजेंसी इंटर सर्विसेज इंटेलीजेंस (आइएसआइ) की मदद से खरीदा था। मालूम हो कि तालिबान और आइएसआइ के बीच संबंधों की बात वर्षो से जगजाहिर है।

पिछले महीने आइएस आतंकी अब्दुल्ला ओरकजई को किया गया था गिरफ्तार

पिछले महीने अफगानिस्तान की खुफिया एजेंसियों ने आइएसआइ से जुड़े पाकिस्तानी आइएस आतंकी अब्दुल्ला ओरकजई उर्फ असलम फारूकी को गिरफ्तार किया था। वह मार्च में काबुल स्थित गुरुद्वारे पर हुए आतंकी हमले का मास्टरमाइंड है। इस हमले में 27 लोग मारे गए थे। इसी तरह मंसूर भी आइएसआइ का विश्वस्त व्यक्ति था जिसे पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी का संरक्षण प्राप्त था।

बता दें कि अगले महीने आतंकवादी समूहों की फंडिंग के मसले पर एफएटीएफ की समीक्षा बैठक है। ऐसे में जब पाकिस्‍तान में आतंकियों पर नकेल कसने के बजाए उन्‍हें रिहा किया जा रहा है और आतंकवाद को लेकर जमीनी हालात खतरनाक इशारा कर रहे हैं देखना यह होगा कि एफएटीएफ पाकिस्‍तान के खिलाफ अब क्‍या रुख अख्तियार करता है। यह भी देखना हो कि जब अंतरराष्‍ट्रीय समुदाय का ध्‍यान कोरोना पर है पाकिस्‍तान ने इसका फायदा उठाते हुए आतंकियों को आजादी दे रखी है। 


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