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कोई नहीं जानता कहां है गिरफ्तार पीटीएम नेता अब्‍दल, गुस्‍साए पश्‍तूनों ने की रिहाई की मांग

पाकिस्‍तान में पश्‍तून और बलूच वर्षों से सरकार और सेना के निशाने पर रहे हैं। यहां पर इनको गायब करवाने और इनकी हत्‍या करवाने तक से सरकार नहींं चूकती है। पश्‍तून नेता अब्‍दल के साथ भी ऐसा ही हुआ है।

By Kamal VermaEdited By: Published: Thu, 03 Dec 2020 02:16 PM (IST)Updated: Thu, 03 Dec 2020 02:16 PM (IST)
कोई नहीं जानता कहां है गिरफ्तार पीटीएम नेता अब्‍दल, गुस्‍साए पश्‍तूनों ने की रिहाई की मांग
पाकिस्‍तान में पीटीएम नेता का कुछ पता नहीं चला है।

चमन (एएनआई)। पश्‍तून तहफूज मूवमेंट के नेता और मानवाधिकार कार्यकर्ता ओवाएस अब्‍दल को अवैध रूप से हिरासत में लिए जाने के खिलाफ पश्‍तनू समुदाय गुस्‍से में है। इस घटना के बाद बड़ी संख्‍या में पश्‍तूनों ने सड़कों पर उतरकर अब्‍दल की रिहाई की मांग की। अब्‍दल को पिछले माह गिरफ्तार कर किसी अनजान जगह पर ले जाया गया है। इसकी जानकारी उनके परिजनों समेत किसी को भी नहीं दी गई है। पीटीएम नेता मोहसिन डावर का कहना है कि वो सरकार के चलाए गए ऑपरेशन के पीडि़त बने हैं। उन्‍होने ये भी कहा कि पश्‍तून सरकार से पूरी तरह से नाउम्‍मीद हो चुके हैं। मोहसिन ने इसको लेकर ट्वीट भी किया है।

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गौरतलब है कि पिछले माह हजारों की संख्‍या में पश्‍तूनो ने सड़कों पर उतर कर पाकिस्‍तान सरकार के खिलाफ बड़ी रैली की थी। उनकी मांग थी कि सरकार ने जो यहां पर और अफगानिस्‍तान में लोगों के खिलाफ अघोषित युद्ध छेड़ रखा है उसको खत्‍म किया जाना चाहिए। इसके अलावा सरकार जो एक्‍स्‍ट्रा जुडिशल कीलिंग कर रही है उसको भी बंद करना चाहिए। उनके अलावा एक अन्‍य सामाजिक कार्यकर्ता मुस्‍तफा कमाल ने भी अब्‍दल को तुरंत रिहा करने की मांग की है। उन्‍होंने कहा कि पाकिस्‍तान की सरकार सेना के साथ मिलकर पश्‍तूनों के मानवाधिकारों का हनन कर रही है। साथ ही यहां पर सरकार-सेना मिलकर कानून की धज्जियां उड़ा रही है।

मुस्‍तफा ने यहां तक कहा कि पाकिस्‍तान की सरकार ने अब्‍दल को इस लिए गिरफ्तार किया है क्‍योंकि उन्‍होंने सरकार के खिलाफ आवाज उठाई। ये किसी भी व्‍यक्ति की अभिव्‍यक्ति की स्‍वतंत्रता का हनन है। ये एक गंभीर अपराध है जिसको सरकार और सेना खुलेतौर पर अंजाम दे रही हैं। गौरतलब है कि पाकिस्‍तान में सरकार द्वारा किसी को जबरन गायब करा देने का लंबा इतिहास रहा हे। इसके सबसे अधिक शिकार यहां के मानवाधिकार कार्यकर्ता और वो लोग हुए हैं जिन्‍होंने सरकार के खिलाफ आवाज उठाने का काम किया है। इसके अलावा सरकार ने उन्‍हें भी गायब करवाया है जो विपक्ष के साथ मिले हुए रहते हैं।

इस तरह से गायब होने वालों में राजनेता से लेकर अल्‍पसंख्‍यक समुदाय की महिलाएं और बच्‍चे भी रहे हैं। कुछ दिन पहले ही बलूचिस्‍तान में प्रोफेसर लियाकत सानी को उसवक्‍त अगवा कर लिया गया था जब वो अपने कुछ अन्‍य साथियों के साथ एग्‍जाम सेंटर जा रहे थे। हालांकि उनके साथियों को अपहरकर्ताओं ने कुछ दूरी पर छोड़ दिया था। जिस कार से उन्‍हें अगवा किया गया वो कार भी कनक इलाके में क्‍वेटा-ताफतान हाईवे पर मिली थी। अब तक भी पुलिस प्रोफेसर सानी का पता नहीं लगा सकी है। इसको लेकर भी कई बार विरोध प्रदर्शन हो चुके हैं। मानवाधिकार कार्यकर्ता गुलेली इस्‍माइल ने भी लियाकत सानी के अपहरण की निंदा की है।


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