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'अफगानिस्तान पर पाक की सलाह को नजरअंदाज किया गया तो दुनिया को बड़ी गड़बड़ी से निपटना होगा'

अफगानिस्तान के समीकरण बदलने के बाद पाकिस्तान ने विश्वभर के देशों को अफगान संकट से संभावित नुकसान की चेतावनी दी। पाकिस्तान ने सोमवार को कहा कि अगर युद्धग्रस्त देश के बारे में उसकी सलाह को नजरअंदाज किया गया तो दुनिया को एक बहुत बड़ी गड़बड़ी से निपटना होगा।

By Avinash RaiEdited By: Published: Mon, 30 Aug 2021 09:10 PM (IST)Updated: Mon, 30 Aug 2021 09:10 PM (IST)
अफगानिस्तान पर पाकिस्तान की सलाह को नजरअंदाज किया गया तो दुनिया को बड़ी गड़बड़ी से निपटना होगा

इस्लामाबाद, पीटीआइ। अफगानिस्तान के समीकरण बदलने के बाद पाकिस्तान ने विश्वभर के देशों को अफगान संकट से संभावित नुकसान की चेतावनी दी। पाकिस्तान ने सोमवार को कहा कि अगर युद्धग्रस्त देश के बारे में उसकी सलाह को नजरअंदाज किया गया तो दुनिया को एक 'बहुत बड़ी गड़बड़ी' से निपटना होगा।

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पाकिस्तान के सूचना और प्रसारण मंत्री फवाद चौधरी ने कहा कि तालिबान को लेकर सभी देशों को पाकिस्तान की बात सुननी चाहिए क्योंकि हाल के दिनों में, पाकिस्तान की सलाह पर ध्यान नहीं दिया गया था और अगर पाकिस्तान और प्रधानमंत्री की सलाह सुनी जाती, तो स्थिति अलग होती।

डॉन द्वारा प्रकाशित किया गए टीआरटी वर्ल्ड के साथ एक इंटरव्यू में मंत्री ने यह याद करते हुए कहा कि 1988 में सोवियत संघ के अफगानिस्तान छोड़ने पर हमें समस्याओं से निपटना पड़ा था। अफगानिस्तान की स्थिति पाकिस्तान के लिए बहुत चिंताजनक थी।

सूचना और प्रसारण मंत्री ने कहा कि अफगान संघर्ष को सुलझाने में रूस, चीन, अमेरिका और पाकिस्तान के ट्रोइका प्लस की महत्वपूर्ण भूमिका थी, तुर्की, पाकिस्तान, ईरान और अन्य मध्य एशियाई देशों से मिलकर बने दूसरे समूह को भी संकट को हल करने में मदद करने के लिए सक्रिय भूमिका निभाने की जरूरत है।

चौधरी ने कहा कि पाकिस्तान एक बार फिर संकट में है क्योंकि अमेरिका और नाटो सेना अफगानिस्तान छोड़ रही है। उन्होंने आगाह किया कि पाकिस्तान पहले से ही 35 लाख अफगान शरणार्थियों को शरण दे चुका है, हमारी अर्थव्यवस्था इतनी मजबूत नहीं है कि अधिक शरणार्थियों को शरण दे सकें। फिलहाल कोई शरणार्थी संकट नहीं है।

उन्होंने आगाह किया कि जिस तरह से अफगानिस्तान को छोड़ दिया गया है और अगर दुनिया वही गलती दोहराती है, तो हमारे पास पाकिस्तान की सीमा पर चरमपंथी संगठनों का एक केंद्र होगा जो निश्चित रूप से हमारे लिए बेहद चिंताजनक होगा। मंत्री ने जोर देकर कहा कि हम अफगानिस्तान में एक समावेशी सरकार के लिए क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय शक्तियों के साथ काम कर रहे हैं।


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