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इमरान के खिलाफ बगावत पर उतरे POK के युवाओं को दबा रही पाक सरकार, FIR की गई दर्ज

जमीनी हकिकत यह है कि पाकिस्तान को गुलाम कश्मीर (POK) में लोगों का गुस्सा झेलना पड़ रहा है।

By Nitin AroraEdited By: Published: Mon, 16 Sep 2019 04:20 PM (IST)Updated: Mon, 16 Sep 2019 05:30 PM (IST)
इमरान के खिलाफ बगावत पर उतरे POK के युवाओं को दबा रही पाक सरकार, FIR की गई दर्ज

इस्लामाबाद, एएनआइ। भारत की छवि को नुकसान पहुंचाया जा सके, इसके लिए पाकिस्तान की इमरान सरकार हर मौके पर झूठ के पुलिंदे बांध रही है। दुनिया के हर बड़े प्लेटफार्म पर हार के बाद भी पाकिस्तान कश्मीर का रोना रो रहा है। भारत सरकार द्वारा Article 370 को हटा देने के बाद पाकिस्तान की आतंकी साजिशों को नुकसान पहुंचा, जहां वो चाहता है कि भारत अपना फैसला वापल लेले।

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हालांकि, पाकिस्तान का भारत के आंतरिक मामले से कोई मतलब नहीं है और इस बात को दुनिया के सामने बता भी दिया गया। इस हार को बर्दाश्त नहीं कर पा रहे पाकिस्तान ने ये कहना शुरू कर दिया कि जम्मू-कश्मीर में मानव अधिकारों का उलंलघन किया जा रहा है। लेकिन इसपर भी वो खुद को साबित ना कर सका।

POK में इमरान के खिलाफ विरोध
यहां गौर करने वाली बात यह है कि एक तरफ पाकिस्तान दुनिया की आंखों में धूल झोंकते हुए कह रहा है कि भारत के जम्मू-कश्मीर में सब सही नहीं चल रहा, लेकिन जमीनी हकिकत तो यह है कि पाकिस्तान को गुलाम कश्मीर (POK) में भी लोगों का गुस्सा झेलना पड़ रहा है।

पाकिस्तानी मीडिया के रिपोर्ट के मुताबिक मुजफ्फराबाद (गुलाम कश्मीर) रैली के दौरान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ नारेबाजी करने पर छात्रों और युवाओं के खिलाफ FIR दर्ज की गई है। बता दें कि शुक्रवार यानी 13 सितंबर को मुजफ्फराबाद में पाक पीएम द्वारा एक बड़ा जलसा किया गया। इस दौरान इमरान खान के खिलाफ बगावती नारे लगाए गए। इमरान खान का विरोध किया गया। इनमें युवाओं का जोर रहा, जहां उन्हें दबाने के लिए यह कदम उठाया गया।

'पॉलिसी स्टेटमेंट'
जानकारी के मुताबिक, इमरान खान ने POK पहुंच कश्मीर पर 'पॉलिसी स्टेटमेंट' दिया। यह जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद से इमरान खान का तीसरा पीओके दौरा था। अपने साप्ताहिक मीडिया ब्रीफिंग के दौरान घोषणा करते हुए पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने कहा था कि पाकिस्तान कश्मीर मुद्दे को हल करने के लिए किसी भी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता के लिए तैयार हैं और हम इस बात की पुष्टि करते है कि मामले की वैधता अंतरराष्ट्रीय कानून पर आधारित है।

उन्होंने कहा, 'मध्यस्थता के प्रस्ताव (कश्मीर पर) हैं लेकिन भारत तैयार नहीं है। हम इसके लिए तैयार हैं। हमारा विचार है कि सभी समस्याओं को बातचीत के जरिए हल किया जा सकता है।'


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